राकेश टिकैत के हिमाचल आने पर आपत्ति नहीं, पर भाषा रखे संयम : विक्रमादित्य 

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

किसान नेता राकेश टिकैत का सोलन में बीते दिन हुए विवाद के बाद कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह विरोध में उतर आए है। बीते दिन जहा उन्होंने सोशल मीडिया पर अराजकता न फैलने की राकेश टिकैत को नसीहत दी थी। वहीं, रविवार को विक्रमादित्य सिंह राकेश का हिमाचल में आने पर स्वागत किया, लेकिन उन्हें भाषा पर संयम रखने को कहा। विक्रमादित्य सिंह ने पिछले कल सोलन में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ एक व्यक्ति से हुए वाद-विवाद को अनावश्यक बताते हुए कहा कि नेता हो या कोई आम, सभी को अपनी भाषा पर सयम रखना चाहिए और एक शिष्टाचार होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश में किसान नेता टिकैत के आने से कोई आपत्ति नहीं है। उन्हें आपत्ति केवल अभद्र भाषा से है। उन्होंने कहा कि जब कोई इस प्रकार का विवाद या तनाव पैदा हो जाता है, तो यात्रा या किसी भी आंदोलन का असली मकसद पीछे रह जाता है।उनका कहने का यही मकसद भी था। वह राकेश टिकैत का सम्मान करते हैं, वह किसानों की एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं और किसान आंदोलन का वह स्वंय भी समर्थन करते हैं।

विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह प्रदेश में सेब बागवानों के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है।उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों व बागवानों के मुद्दों को सदन के अंदर भी उठाया है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व स्व. वीरभद्र सिंह सरकार के समय कोल्ड स्टोर खोले गए, सरकारी विपणन व्यवस्था शुरू की। साथ में न्यूनतम समर्थन मूल्य शुरू किया था।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लकड़ी के बक्सों की जगह गत्ते की पेटियों का प्रचलन कांग्रेस सरकार ने ही शुरू किया था। इसके लिए गुम्मा के प्रगति नगर में एक बड़ी गत्ता फेक्ट्री भी स्थापित की थी। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सरकार ने बागबानी विकास के लिए 1400 करोड़ का एक प्रोजेक्ट भी लाया था, जो वर्तमान सरकार की उपेक्षा का शिकार बना है।