मेधा छात्रवृति योजना के अधीन छात्र-छात्राओं को नहीं मिल रहा लाभ

एस के शर्मा। हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा घोषणा की गई थी कि स्नातक स्तर की परीक्षा के बाद कोचिंग के लिए मेधावी बच्चों को एक लाख की स्कॉलरशिप उपलब्ध करवाई जाएगी। लेकिन मेधावी छात्र छात्राएं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। मेधावी छात्र छात्राएं जो इस कोचिंग का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें सबसे अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश के सबसे शिक्षित जिला हमीरपुर में स्नातक स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोई भी संस्थान, हिमाचल प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग के साथ संबंधित नहीं है। जिस कारण जिला में कोचिंग लेने वाले मेधावी छात्र छात्राएं परेशान हो रहे हैं। मेधा छात्रवृति योजना के अधीन स्कॉलर छात्रों को एक लाख की छात्रवृत्ति जीवन में एक बार हिमाचल सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है लेकिन इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा विभाग को ऑनलाइन अप्लाई करना है व जिस संस्थान में कोचिंग ले रहे हैं। उस संस्थान का पंजीकरण शिक्षा विभाग के साथ होना जरूरी है।

स्कॉलर छात्र छात्राओं व अभिभावकों की मांग है कि इस स्कॉलरशिप को सीधा छात्र छात्राओं को उसके खाते में हस्तांतरित किया जाए, ताकि स्कॉलर छात्र छात्राएं अपनी पसंद के गुणवत्ता वाले संस्थानों में कोचिंग ले सकें। हमीरपुर जिला में स्नातक स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग के लिए कोई संस्थान पंजीकृत नहीं है। जिस कारण हिमाचल के इस जिला के बच्चों को हिमाचल प्रदेश के बाहर जाकर कोचिंग लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा व इस छात्रवृत्ति योजना का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पाएगा। कोचिंग ले रहे छात्र छात्राओं में तमन्ना कुमारी, निशा कुमारी, रजनी देवी, विकास कुमार सहित अन्य युवाओं ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि इस छात्रवृत्ति योजनाओं का अधिकतर छात्रों को लाभ मिल सकें। इसके लिए योजना की राशि की अदायगी के लिए इसे मेधावी छात्रों के खातों में इस राशि को अन्य छात्रवृति योजना की तरह डाला जाए, ताकि हिमाचल के छात्र इस योजना का भरपूर लाभ उठा सकें।