इस बार नहीं सुनाई दिए “हाथी धोड़ा पालकी जय कैन्हया लाल” के जयकारे

शुभम शर्मा। रक्कड़

उपमंडल देहरा के अंतर्गत गांव करियाडा के नाग मंदिर परिसर में हर वर्ष की भांति मंगलवार को कृष्णा जन्मोत्सब कार्यक्रम आयोजित तो हुआ, लेकिन कही दूर-दूर तक श्रद्धालूगण नजर नहीं आए। रंग-बिरगीं लाइट से तो नाग मंदिर नव-नबेली दुल्हन की तरह सजा था, परंतु 46 वर्षों के इतिहास मे पहली बार “हाथी धोड़ा पालकी जय कैन्हया लाल के जयकारे नहीं सुनाई दिए। ॉ

मंदिर प्रबंधक कुलदीप सिंह गुलेरिया ने सरकारी नियमों का पालन करते हुए मैन गेट को बंद करके श्रद्धालुओं को मंदिर के अन्दर आने पर रोक लगा दी है, जबकि नाग मंदिर परिसर में देश की खुशहाली व क्षेत्र की तरक्की हेतू चल रहे।

पांच दिवसीय महामृत्यूजय हवन-यज्ञ का मगंलवार को केवल पहली बार पुजारी वर्ग ने पूर्ण आहूति डालकर इस प्रकिया को पूरा किया। काेविड-19 से बढ़ते संक्रमण के कारण ऐसा पहली बार हुआ, जब हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मंदिरों में नही बल्कि अपने घरों पर ही मनाया जाएगा।