प्रदेश में अब पत्रकार और जन प्रतिनिधि भी निभाने जा रहे वन रक्षक की अहम भूमिका

उमेश भारद्वाज। मंडी

  • दोनों वर्गों के लिए फॉरेस्ट ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट सुंदरनगर में विशेष प्रशिक्षण शिविरों का होगा आयोजन
  • प्रशिक्षण शिवरों के आयोजन को लेकर विभाग द्वारा तैयार किया गया रोडमैप
  • प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रशिक्षण एवं विकास समिति की 15वीं बैठक संपन्न
  • प्रधान मुख्य अरण्यपाल डा. सविता ने की बैठक की अध्यक्षता
  • अनुसंधान एवं प्रशिक्षण विंग द्वारा संकलित 4 पुस्तकों और 15 विवरणिकाओं का भी हुआ विमोचन

 

हिमाचल प्रदेश में अब पत्रकार और जन प्रतिनिधि भी वन रक्षक की अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं। इन दोनों वर्गों के लिए फॉरेस्ट ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट सुंदरनगर में विशेष प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा। वहीं इन प्रशिक्षण शिवरों के आयोजन को लेकर विभाग द्वारा रोडमैप तैयार कर दिया गया है। यह बात वन प्रशिक्षण एवं रेजरज कॉलेज सुंदरनगर में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रशिक्षण एवं विकास समिति की 15वीं बैठक में प्रधान मुख्य अरण्यपाल (एचओएफएफ) डा. सविता ने कही। इस मौके पर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण विंग द्वारा संकलित 4 पुस्तकों और 15 विवरणिकाओं का डा. सविता ने विमोचन किया। इनमें वर्ड ऑफ छोटी काशी, हर्ब्स एंड श्रुब्स ऑफ ज्यूणी वैली तथा गैर लकड़ी वन संपदा पर आधारित विवरणिका शामिल रही। इसके अतिरिक्त हिमाचल की वन संपदा एवं जीव जंतुओं का विवरण भी इसमें दिया गया है।


इस मौके पर सदस्य सचिव एवं निदेशक वन प्रशिक्षण एवं रेजरज कॉलेज एचके सरवटा द्वारा प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रशिक्षण एवं विकास समिति में वर्ष 2020-21 की उपलब्धियों का मदवार विवरण पेश किया गया और वर्ष 2021-22 के प्रस्तावित मदों को प्रस्तुत किया गया। बैठक में प्रत्येक मद पर विस्तृत चर्चा हुई। अनेक मुद्दों पर अध्यक्ष ने अपने सुझाव भी दिए। बैठक में 2021-22 का प्रस्तावित प्रशिक्षण कैलेंडर का भी अनुमोदन किया गया।

डा. सविता ने कहा कि इस वर्ष के प्रशिक्षण कैलेंडर में जन प्रतिनिधियों, मीडिया व वन संरक्षण में लगी समितियों के लिए भी शॉर्ट टर्म कोर्स सम्मिलित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग लोगों के सहयोग से कार्य करता है। इसको लेकर आमजन को भी वन संरक्षण को लेकर शॉर्ट टर्म कोर्सेज करवाए जाने की योजना बनाई जा रही है।