3221 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन कर एनटीपीसी ने रचा इतिहास

सुरिंद्र जम्वाल। बिलासपुर

हिमाचल प्रदेश में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में काम रहे एनटीपीसी कोलडैम ने बीते वर्ष जहां अपनी क्षमता से अधिक बिजली उत्पादन कर नए आयाम स्थापित किए हैं, तो साथ ही कोरोना महामारी के दौर में सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर कई निर्माण कार्यों को अंजाम देने का काम भी किया है। गौरतबल है कि बीते वर्ष एनटीपीसी ने अपनी डिजाइनिंग क्षमता 3054 मिलियन यूनिट से ज्यादा 3221 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन कर इतिहास रचने का काम किया और देश के हाइड्रो पावर स्टेशन में पहला स्थान हासिल किया है, ये ही नहीं कोरोना महामारी के दौरान बिलासपुर के बंदला में बन रहे हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज निर्माण को 62.5 करोड़ व मंडी व बिलासपुर सहित तीन जिलों को 03 करोड़ की अनुदान राशि सहायता के रूप में जिला प्रशासन को दी है।

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वहीं, एनटीपीसी कोलडैम द्वारा बिजली उत्पादन के क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए परियोजना प्रमुख नंदन सिंह ठाकुर ने बताया कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वर्ष 2032 तक एनटीपीसी ने 60 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वहीं, मेगावाट प्रोजेक्ट्स के लिए हिमाचल प्रदेश में जमीन की कमी होने के चलते 1000 मेगावाट क्षमता के प्लांट राजस्थान, गुजरात व मध्य प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे, जिसके बाद अगले चरण में हिमाचल प्रदेश में भी रूफ टॉफ सोलर के क्षेत्र में एनटीपीसी कार्य करेगा।

साथ ही उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 120 किलोवाट के 03 सोलर प्लांट स्थापित है और जल्द ही 150 किलोवाट के प्लांट स्थापित किए जाएंगे। वहीं, एनटीपीसी पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सुपर क्रिटिकल प्लांट लगाने जा रहा है, जिससे कोयले की खपत कम होगी और प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सकेगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार के आदेश पर एनटीपीसी हर यूनिट में एफजीडी प्लांट लगाने जा रहा है, ताकि कोल से सल्फर को हटाया जा सके और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।