पौंग झील में विदेशी परिंदों के शिकार को रोकने के लिए प्रशासन ने बढ़ाई निगरानी

उज्जवल हिमाचल। नगरोटा सूरिया

पौंग झील में विदेशी परिंदों के अवैध शिकार को रोकने के लिए प्रशासन ने झील के किनारों पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, प्रवासी पक्षियों की आमद भी बढ़ती जाएगी। इन मेहमानों की सुरक्षा के लिए वन्य प्राणी विभाग पूरी तरह तैयार है। अवैध शिकार की रोकथाम के लिए टीमें बनाकर निगरानी की जा रही है। विभाग ने पौंग झील क्षेत्र में शिकारियों पर नजर रखने को सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। हजारों विदेशी पक्षी दुनिया के इस बेहतरीन पौंग बांध जलाशय के आसपास डेरा डाल चुके हैं। इनकी चहचहाहट से क्षेत्र चहक रहा है।

साइबेरिया सहित अन्य देशों में जब आत्यधिक ठंड के कारण झीलों व तालाबों का पानी जम जाता है, तो ये पक्षी हजारों किलोमीटर की यात्रा कर भारत में आते हैं। फरवरी.मार्च में जब यहां गर्मी शुरू होती है तो यह दोबारा अपने क्षेत्रों को लौट जाते हैं। मार्च तक बांध में पक्षियों की करीब 103 प्रजातियां आती हैं। वेटलैंड में हर बार नए प्रवासी पक्षी आते हैं। इस बार अफ्रीका से अमूर फाल्कन प्रवासी पक्षी भी झील में पहुंचा है।

कितने प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं इसका पता तो जनवरी में होने वाली पक्षी गणना से ही पता चलेगा। लेकिन बार हैडेड गीज प्रजाति के पक्षी सबसे अधिक संख्या में पहुंचे हैं। पिछले साल बार हैडेड गीज प्रजाति में बर्ड फ्लू फैल गया था और पांच हज़ार से भी ज्यादा इस प्रजाति के पक्षियों की मौत हो गई थी। इसी कारण झील क्षेत्र में पर्यटकों के आने पर विभाग व प्रशासन ने रोक लगा दी थी। हालांकि इस बार वन्यप्राणी विभाग पूरी तरह सतर्क है। लेकिन पौंग झील के किनारे बसे गांवों में अभी से दहशत बन गई है।