हिमाचल : स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में नर्से स्ट्राइक पर, कहा नहीं मिल रहा समय पर मेहनताना

उज्जवल हिमाचल। सोलन

कोरोना की तीसरी संभावित लहर का खतरा सिर पर है। उस से ठीक पूर्व जिन नर्सों के जिम्मे कोरोना से बचाव की जिम्मेंदारी है। व प्रदेश सरकार के खिलाफ मुखर हो गई है । दरअसल मामला सोलन जिला मुख्यालय के मेकशिफ्ट कोविड अस्पताल का है। जहां पर कार्यरत 60 के करीब नर्स ने समय पर मेहनताना ना मिलने व अन्य लाभ ना मिलने के विरोध में मेकशिफ्ट अस्पताल रबौन में धरना प्रदर्शन किया । इसके अलावा अन्य स्टाफ ने भी सरकार के खिलाफ हल्ला बोला । जिससे सबसे बड़ी कोरोना की वैक्सीनेशन ड्राइव भी प्रभावित हुई है। यह नर्से वेक्सिनेशन ड्राइव पर जानी थी जोकि अब अपनी मांगे पूरी ना होने तक स्ट्राइक पर चली गई है। जिस से सरकार प्रशासन के दावे हवा हवाई हो गए ।

  • सोलन में स्वस्थ्य सेवाएं राम भरोसे
  • सोलन कोरोना की तीसरी लहर से पूर्व नर्से हुई मुखर 
  • ऐसे कैसे बचेंगे कोरोना की तीसरी लहर से सोलनवासी

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार कोविड ड्यूटी में लगे स्टाफ को कोरोना वाॅरियर कहती है लेकिन सोलन में इन कोरोना वाॅरियर का अपमान किया जा रहा है। इसे कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है। कोरोना अस्पताल में लगे स्टाफ ने बताया कि ना तो उन्हें समय पर मेहनताना मिल रहा है ना ही किसी तरह का इंसेंटिव दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब यहां उन्हें निजी कम्पनी द्वारा आउटसोर्स पर रखा गया था तो उन्होंने जो कहा गया था वह उन्हे नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जब वह अपने हक को मानते है तो उन्हें निकालने व उन पर एफआईआर करने की बात कही जा रही है। वहीं इन्हें ज्वाइनिंग लेटर भी लिखित में नहीं दिये गए है। सिर्फ व्हाट्सएप पर खानापूर्ति की गई है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से उनकी मांगे पूरी करने की मांग की है।

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वहीं जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुक्ता रस्तोगी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने संबंधित कंपनी से बात की है कि उन्हें समय पर सैलरी मिलने चाहिए । निश्चित तौर पर जिला प्रशासन सोलन व सरकार भले ही तीसरी लहर की संपूर्ण तैयारियों का ढोल पीट रहे हो लेकिन हकीकत यह है कि व्यवस्थाएं चरमाई हुई है और यह हाल है स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिला का ।