अगर पानी नही मिला, तो होगा कार्यालय का घेराव

राजनीति के आगे नतमस्तक हुए ज्वाली जलशक्ति विभाग के अधिकारी व कर्मचारी

उज्जवल हिमाचल। ज्वाली
हिमाचल प्रदेश में पुराने जमाने में गर्मियां शुरू होते ही लोग रास्ते के किनारे राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए छायादार पेड़ के नीचे नए घड़ों में ताजा पानी भर कर रखते थे। जिसे वह लोग पुण्य का काम समझते थे। इसलिए ही लोगों की ऐसी भावनाओं के कारण ही हिमाचल को देव भूमि का दर्जा दिया जाता था लेकिन आजकल सरकार द्वारा जल शक्ति विभाग के माध्यम से अरबों के हिसाब से लोगों की प्यास बुझाने पर खर्च किए जा रहे है।

जिसका उदाहरण पंचायत लुधियाड के नगरोटू गांव में देखने को मिला है । बता दे कि सन 2020 में भाजपा सरकार के दौरान उपरोक्त गांव को पीने के पानी की दो इंच पाइप लाइन का टेंडर हुआ था और उस पाइपलाइन को बिछाने में लगभग 92000/रूपये खर्च करके लोगों की सदियों पुरानी समस्या को निजात पहुंचाई थी ।

नगरोटू गांव के लोगों रणजीत सिंह, करनैल सिंह, जोगिंदर सिंह, जगदीश, शुक्रदीन, वीर सिंह, केवल सिंह, बशीर, हंस राज, ओम प्रकाश, लीखू दीन इत्यादि को पानी की बूंद बूंद के लिए तरसने को मजबूर कर दिया ।

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गांववासियों ने कहा कि अगर शुक्रवार तक पानी की समस्या का हल न हुआ तो विभागीय कार्यालय का घेराव किया जाएगा तथा विभाग के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा । लोगों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व जल शक्ति विभाग के मंत्री मुकेश अग्निहोत्री से गुहार लगाई है कि लोगों की परेशानी बढ़ाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी करवाई अम्ल में लाई जाए ।

वहीं भाजपा नेता संजय गुलेरिया ने कहा कि मैं स्वयं मौका पर गया था तथा विभाग जबरन पाइपों को उखाड़ रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को चेताया है कि नेता के हाथों की कठपुतली बनने की बजाए जनहित में कार्य करें अन्यथा जनता को साथ लेकर कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा तथा विभागीय अधिकारियों को कार्यालय के अंदर ही बन्द रखा जाएगा।

जब इस संदर्भ बारे ज्वाली के जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता अजय शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि हम री-रूट कर रहे है।

संवाददाताः चैन गुलेरिया

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