निजी बसें चलने के बाबजूद सवारियों से महरूम ऑपरेटर

सुरेंद्र जम्वाल। बिलासपुर

निजी बस ऑपरेटर यूनियन बिलासपुर के प्रधान राजेश पटियाल ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि जिला भर में 60% निजी बस से चली, लेकिन 15 से 20 प्रतिशत ऑकोपेंसी ही बसों में नजर आई है। इससे यह एहसास हो रहा है कि बसें ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है तथा लोग भी सहयोग करते नज़र नहीं आ रहे हैं। कर्मचारी व अन्य वर्ग अपने निजी कारों व बाइकाें से ही ज्यादा सफर कर रहे हैं, कुछ बसों के कागजात की अवधि समाप्त है, तो कुछ भी इंश्योरेंस व पासिंग खत्म है।

कुछ बस मालिक बिना कागजात से बसों को चलाने का परहेज कर रहे हैं। इस दयनीय स्थिति में बसे कैसे चल सकती है, अब तो बस मालिकों व चालक-परिचालकों ने राम भरोसे ही अपना काम छोड़ दिया है। जब तक मंदिर, स्कूल, कॉलेज, शादी समारोह व अन्य धार्मिक स्थल नहीं खुलते हैं, तब तक बसों को भी बंद कर देना चाहिए। सरकार से निजी बस ऑपरेटर की मांग है, कि स्पेशल रोड टैक्स टोकन टैक्स को 31 मार्च, 2021 तक माफ कर दिया जाए।

बस ऑपरेटर ने सरकार के आदेशों का पालन करते हुए बसें चलाई, पर ऑपरेटर इसमें सफल नहीं हो पाए। सरकार से मांग है, कि जो प्रदेश सरकार ने निजी बस ऑपरेटरों को वर्किंग कैपिटल के रूप में सहकारी बैंक से जो ऋण देने की घोषणा की है, उसी अधिसूचना जारी करने की कृपा करें तथा बस अड्डा पर्ची जब तक आधिकारिक घोषणा कोरोना खत्म की नहीं होती, तब तक माफ किया जाए।

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