हमारे बेटे ने नहीं की आत्महत्या, हुई है हत्या बोले परिजन

उज्ज्वल हिमाचल। मंडी

प्रदेश सचिवालय की गोपनीय शाखा में तैनात अधीक्षक मेहर सिंह की शिमला में हुई मौत मामले में परिवार ने प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। परिजनों ने मामले को दबाने के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। मृतक की पत्नी और दो बेटों ने ग्राम पंचायत खिलड़ा के लोगों के साथ मीडिया के समक्ष आते हुए मामले में प्रदेश सरकार से न्यायिक या सीबीआई जांच करने की मांग उठाई है। बता दें कि शिमला के बालूगंज थाने के अंतर्गत गत 29 सितंबर को पूर्व पैरा कमांडो व प्रदेश सचिवालय की गोपनीय शाखा में अधीक्षक पद पर तैनात मेहर सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में फंदा लगाकर मौत हो गई थी।

 

शनिवार को मंडी जिला के सुंदरनगर में आयोजित एक प्रैसवार्ता में पीड़ित परिवार ने कहा कि मामले को इतने दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक परिजनों की ओर से एफआईआर तक दर्ज नहीं कर पाई है लेकिन पुलिस इसे आत्महत्या करार दे रही है जबकि यह एक साजिश के तहत हत्या लग रही है।

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भारतीय सेना से सेवानिवृति के उपरांत सुंदरनगर की खिलड़ा पंचायत के मंगलाह गांव के निवासी मेहर सिंह की तैनाती प्रदेश सचिवालय की गोपनीय शाखा में बतौर अधीक्षक हुई थी। मृतक मेहर सिंह के परिजनों ने प्रदेश सरकार से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि 48 घंटे के अंदर मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की तो पंचायत के लोगों के साथ मिलकर आंदोलन की चेतावनी दी है।
मृतक के बेटे पियूष ने कहा कि जहां पर उनका शव बरामद हुआ है वे उस रास्ते से कभी पैदल नहीं आते थे तो उस दिन क्यों आएंगे। पुलिस जांच में अभी तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई जबकि सचिवालय की गोपनीय शाखा में तैनात कर्मचारी के साथ इतनी बड़ी घटना होने के बाद पुलिस इसे हल्के में ले रही है।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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