रिटायर कानूनगो की नियुक्ति के फैसले से आक्रोश, सेवाकाल की शर्त में छूट पर बुलंद की आवाज

Outrage over the decision of appointment of retired Kanungo, raised voice on relaxation in the condition of service

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
पटवार एवं कानूनगो महासंघ की तहसील इकाई कांगड़ा ने सरकार के उस फैसले का विरोध किया है, जिसमें राजस्व विभाग में रिटायर कानूनगो की सेवाएं लिए जाने के आदेश हुए हैं। महासंघ की कांगड़ा इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल पटवार एवं कानूनगो महासंघ इकाई कांगड़ा के प्रधान राकेश कुमार की अगुवाई में तहसीलदार प्रवीण कुमार से मिला।

इस प्रतिनिधिमंडल में सुनील कुमार, हाकिम सिंह, प्रवीन, अनिल, मुकेश, लक्की, आरती, अनुराधा, अलका, बबीता, मनीषा आदि शामिल थे। तहसीलदार कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को सौंपे ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि प्रदेश में राजस्व विभाग में कानूनगो के काफी पद रिक्त पड़े हुए हैं।

इन पदों पर विभाग में कार्यरत पटवारियों को पदोन्नत करने की बजाय सरकार रिटायर कानूनगो की सेवाएं लिए जाने की बात कह रही है, जोकि उनके साथ अन्याय है। रिक्त पड़े पदों पर विभाग में कार्यरत पटवारियों को पदोन्नत न करना खेदजनक व दुःखद है।

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सेवानिवृत कर्मचारियों को प्राथमिकता देने से एक तो विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के मनोबल पर विपरीत असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा है कि 2014-15 बैच के पटवारियों को चयन के बाद 18 माह का राजस्व प्रशिक्षण दिया गया है, जोकि वर्तमान में सरकार की ओर से प्रशिक्षण अवधि को घटा कर एक साल कर दिया गया है।

वहीं 2014-15 बैच के पटवारियों को अक्तूबर, 2015 में पटवार वृतों के अनुबंध आधार पर तैनात किया गया है व साढ़े तीन साल की अनुबंध अवधि के बाद एक अप्रैल, 2019 में नियमित किया गया, वर्तमान में सरकार अनुबंध अवधि घटाकर दो साल कर दी है।

एक अप्रैल, 2019 से एक अप्रैल, 2023 तक 2014-15 बैच के पटवारियों का कुल नियमित सेवाकाल चार वर्ष हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी बैच के पटवारी राजस्व संबंधी सभी कार्यों का काफी अनुभव रखते हैं। उन्होंने मांग की है कि भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में पटवारी से कानूनगो के पद पर पदोन्नति के लिए छह साल के नियमित सेवाकाल की शर्त को हटाकर छह वर्ष का कुल सेवाकाल या चार वर्ष का नियमित सेवाकाल किया जाए।

ब्यूरो रिपोर्ट कांगड़ा

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