पंचायत प्रतिनिधि भी करेंगे होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की निगरानी : उपायुक्त

एसके शर्मा। हमीरपुर

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दृष्टिगत हमीरपुर जिला प्रशासन ने पंचायतों के सहयोग से एक प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करने की पहल की है। इसमें पंचायतों को होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की स्थिति के बारे में तथा बाहरी राज्यों से आने वाले सभी ग्रामीणों की जानकारी जिला प्रशासन के साथ साझा करना आवश्यक किया गया है। उपायुक्त देबश्वेता बनिक की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक सभी पंचायत प्रधानों को चुने हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से अपने-अपने पंचायत क्षेत्र में कोविड-19 महामारी से संक्रमित लोगों की पूरी जानकारी रखना आवश्यक होगा। इतना ही नहीं, उन्हें स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के बारे में भी निगरानी रखनी होगी।

निर्देशों में कहा गया है कि पंचायत प्रतिनिधि इन लोगों के स्वास्थ्य के बारे में व्यक्तिगत तौर पर अथवा विभिन्न माध्यमों से जानकारी एकत्र करें और यह भी जानकारी रखें कि क्या सरकार व जिला प्रशासन की ओर से नियुक्त स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मचारी एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के निरंतर संपर्क में है या नहीं। होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की देखरेख में किसी भी स्तर पर कोई समस्या इत्यादि सामने आने पर पंचायत जनप्रतिनिधियों को इसकी त्वरित सूचना स्थानीय प्रशासन को देनी होगी।

सभी पंचायत प्रधानों को साप्ताहिक आधार पर एक प्रपत्र भरकर जिला प्रशासन को भेजना होगा, जिसमें होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों का ब्यौरा, कंटेनमेंट जोन की जानकारी, पंचायत में हुए सामाजिक, धार्मिक अथवा अन्य समारोहों की जानकारी देना अनिवार्य किया गया है। एक अन्य महत्वपूर्ण बिंदु के अंतर्गत पंचायत में पिछले एक सप्ताह के दौरान बाहरी राज्यों में विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक समारोह में भाग लेने के उपरांत लौटे लोगों की जानकारी देना भी आवश्यक किया गया है।

उपायुक्त ने कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम में पंचायती राज संस्थाओं का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान अभी तक सरकार व जिला प्रशासन को मिलता रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी सभी पंचायत प्रतिनिधि इसमें अपना सक्रिय सहयोग देंगे। उन्होंने क्षेत्र के लोगों एवं संबंधित विभागों से भी आग्रह किया कि वे स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें हर संभव मदद करें।