बाढ़ की चपेट में आए घ्राण स्कूल को फिर बनाने के लिए परमदेव ने दान की जमीन

परमदेव ने अपनी डेढ़ बिघा निजी भूमि स्कूल के लिए दान में देकर प्रदेश में पेश की मिसाल

उज्जवल हिमाचल। मंडी

बीते 9 और 10 जुलाई की बाढ़ की चपेट में आए मंडी जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घ्राण में छुट्टियां खत्म होने के बाद स्कूल खुलते ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं। बाढ़ के कारण स्कूल भवन पूरी तरह से तहस-नहस हो जाने के कारण यहां शिक्षकों के बैठने के लिए भी जगह नहीं बच पाई है।

अब स्कूल प्रबंधन ने घ्राण के साथ लगते सुम्मा गांव में चंद्रमणी और परमदेव के घर पर 8 कमरे, एक हॉल, चार शौचालय और दो खेत किराए पर लिए हैं। पाठशाला की प्रधानाचार्या रीनू शर्मा ने कहा कि किराए पर लिए भवनों में बच्चों के बैठने की सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाएं होते ही स्कूल में कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी।

बता दें कि क्षेत्र में आई प्रलयंकारी बाढ़ के कारण घ्राण स्कूल को 1 करोड़ 60 लाख का नुकसान हुआ है। इसमें 8 कमरों की दो मंजिला बिल्डिंग पूरी तरह से धराशाही हो चुकी है जिसमें साईंस ब्लॉक, प्रिंसिपल और क्लर्क ऑफिस, आईटीईएस लैब, सिक्योरिटी लैब, आईसीटी लैब, दो स्मार्टरूम और एक स्पोर्ट्सरूम शामिल था।

इसके अलावा दूसरी बिल्डिंग में भारी मात्रा में सिल्ट और मलबा घुस गया है और यह भी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। इसके साथ ही स्कूल का मैदान और शौचालय भी पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। एसएमसी के प्रधान बीरी सिंह ने सरकार से स्कूल के नए भवन को सुरक्षित स्थान पर जल्द से जल्द बनाने की गुहार लगाई है।

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स्कूल संचालन के लिए अपने घर के कमरे किराए पर देने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग परमदेव ने अपनी निजि भूमि को स्कूल भवन बनाने के लिए दान मे देने का ऐलान कर दिया है। स्कूल प्रबंधन जब नया भवन बनाने के लिए जमीन तलाशने लगे तो उन्हें कहीं पर भी जमीन नहीं मिली।

ऐसे में परमदेव से गांव वालों ने संपर्क किया तो उन्होंने तुरंत इसके लिए हामी भर दी। परमदेव ने अपनी डेढ़ बीघा जमीन दान देने के लिए राजी हो गए। परमदेव ने कहा कि उन्होंने गांव वालों की मांग पर और बच्चों की सुविधा के लिए अपनी जमीन दान में देने का निर्णय लिया है।

गौरतलब है कि अभी स्कूल प्रबंधन ने बच्चों की सुविधा के लिए ऑनलाइन कक्षाएं तो शुरू कर दी हैं। लेकिन ऑफलाइन कक्षाएं जल्द से जल्द शुरू होना बेहद जरूरी है। स्कूल में कक्षा 6वीं से लेकर 12वीं तक 231 बच्चें पढ़ते हैं और इन्हें स्कूल जल्द खुलने का इंतजार है। वहीं, घ्राण स्कूल की प्राथमिक पाठशाला दूसरे स्थान पर होने के कारण सुरक्षित है और अभी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का संचालन इसी भवन से किया जा रहा है।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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