जसवां-परागपुर को माेतियाबिंद मुक्त बनाने के लिए पराशर कर रहे गंभीरता से प्रयास

कैप्टन संजय ने अब तक 8603 मरीजों को किया निशुल्क चश्मों का वितरण

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

जसवां-परागपुर क्षेत्र में मोतियाबिंद के कारण किसी व्यक्ति की आंखों की रोशनी न चली जाए, इसके लिए कैप्टन संजय बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं। अनमोल आंखों की रोशनी को बरकरार रखने के लिए पराशर रिकार्ड समय में अब तक 17 मेडीेकल कैंपों का आयोजन विभिन्न गांवों में कर चुके हैं। इन स्वास्थ्य शिविरों में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए मोतियाबिंद के मरीजों का तय समयावधि के भीतर ही आपरेशन करवाए जा रहे हैं तो जिन मरीजों की आंखों की रोशनी कम होती हैए उन्हें मेडीकल कैंप में ही निशुल्क चश्मे व दवाईयां प्रदान की जाती हैं। अब तक लगे स्वास्थ्य शिविरों में 7925 चश्मे मरीजों को दिए जा चुके हैं। बड़ी बात है कि जिन मरीजों की आंखों को विशेष चश्मे की आवश्यकता होती हैए उनके चश्मे बनवाकर पराशर की टीम घराें तक पहुंचाती है। अब तक पराशर द्वारा 678 मरीजों को विशेष प्रकार के चश्मे भी दिए गए हैं।

यानि मेडीकल कैंप में पहुंचे मरीजों को संजय पराशर के सौजन्य से 8603 चश्मे प्राप्त हुए हैं। दरअसल कैप्टन संजय द्वारा की गई सटीक व्यवस्था से मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। मोतियाबिंद ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को अपने निवास स्थल से जालंधर के निजी अस्पताल तक लाने व ले जाने के लिए वाहन की सुविधा पराशर द्वारा दी जा रही है। साथ में दवाई, चश्मा व भोजन की व्यवस्था भी की जाती है। सच यह भी है कि किसी निजी चिकित्सालय में ऑपरेशन करवाने पर मरीज को 12 से 15 हजार का खर्च बैठता है। वहीं, कैप्टन संजय द्वारा आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में आए मरीज की जांच से लेकर आपरेशन तक कोई पैसा तक खर्च नहीं होता है। ऐसे में निःशुल्क सुविधा मिलने का फायदा ग्रामीण क्षेत्रों के रोगी ज्यादा उठा रहे हैं। अमूमन मोतियाबिंद साठ वर्ष से अधिक आयु के कई बुजुर्गों को हो जाता है और इसे ही ऑपरेशन के जरिए हटाया जाता है।

मेडीकल कैंप में ही मोतियाबिंद के पंजीकृत मरीजों के शुगरए ब्लड प्रेशर और ईसीजी के टेस्ट भी फ्री में किए जाते हैं ताकि ऐसे मरीजों को आपरेशन न होने की स्थिति में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। मरीजों का आपरेशन होने के बाद पराशर की टीम मरीजों के घर पहुंचकर उनके स्वास्थ्य की फीडबैक भी लेती है। मेडीकल कैंप शुरू होने के बाद से मोतियाबिंद आपरेशन होने तक मरीज की हर सुविधा का बारीकी से ख्याल रखा जाता है और जिस दिन मरीजों के आपरेशन जालंधर में होने होते हैंए उस दिन विशेष तौर पर वहां कैप्टन संजय भी उपस्थित रहते हैं। कैप्टन संजय का कहना है कि उनका जसवां.परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त करने का लक्ष्य है और इसी संकल्प के चलते निरंतर मेडीकल कैंपों का आयोजन कर रहे हैं। नववर्ष में अगले स्वास्थ्य शिविर जसवां-परागपुर क्षेत्र के लग्ग बलियाणा, सरड डोगरी और लग पंचायतों में लगाए जाएंगे।