पराशर ने जदामण में हृदय रोगी के घर में भेजा ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर

मरीजों तक ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर पहुंचाने के लिए किया आठ सदस्यीय टीम का गठन

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

सामाजिक सरोकारों को हरदम पूरी शिद्दत से निभा रहे कैप्टन संजय पराशर द्वारा विदेश से मंगवाए गए ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर अब भी कई मरीजों के लिए संजीवनी का कार्य कर रहे हैं। अब तक जसवां-परागपुर क्षेत्र सहित आसपास के पांच विधानसभा क्षेत्रों में भी मरीजों की सांसों को बांधे रखने में ये कंस्ट्रेटर सहायक सिद्ध हुए हैं। शुक्रवार देर शाम को कैप्टन संजय पराशर की टीम जदामण गांव में एक बुजुर्ग के घर एक घंटे में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर लेकर पहुंच गई। बुजुर्ग हृदय रोग से पीड़ित हैं और उन्हें शाम से ही सांस लेने में दिक्कत पेश आ रही थी। अब बुजुर्ग के स्वास्थ्य में सुधार बताया जा रहा है।

जदामण गांव से कैप्टन संजय को शाम सुनील का फोन आया कि उसके 75 वर्षीय पिता प्रकाश चंद की तबीयत अचानक खराब हो गई है और सांस लेने में बेहद दिक्कत हो रही है। सुनील ने उनके घर पर ही ऑकसीजन कंस्ट्रेटर की सुविधा देने के लिए आग्रह किया। इसके बाद संजय ने तुरंत अपनी टीम को ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर लेकर जदामण गांव के लिए रवाना कर दिया। एक घंटे के अंतराल में पराशर की टीम चिंतपूर्णी से जदामण गांव में पहुंच गई और ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर लगाने के बाद बुजुर्ग को सांस लेने की समस्या से राहत मिली। प्रकाश चंद की पत्नी दुरगई देवी ने बताया कि पति की हालत लगातार बिगड़ रही थी।

सांस लेने में परेशानी होने के कारण पति तड़प रहे थे। वह पहले ही हृदय रोग से पीड़ित हैं और समस्या ज्यादा बढ़ चुकी थी। ऐसे में किसी परिचित ने संजय पराशर को फोन करने को कहा और कुछ ही देर बाद ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर उनके घर पहुंच गया। पराशर द्वारा प्रशिक्षित टीम द्वारा मशीन लगा दी गई और पति को बेहद राहत मिली। देवी ने बताया कि जिस तरह से कैप्टन संजय ने एक फोन कॉल पर उनके घर तक ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर पहुंचाया और मदद की है, उसके लिए पूरा परिवार ताउम्र पराशर का आभारी रहेगा। बताते चलें कि संजय पराशर ने कोरोना की दूसरी लहर में विदेश से 37 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मंगवाए थे। इसके बाद एक टीम गठित करके उसे प्रशिक्षित भी किया गया।

अब तक फोन के माध्यम से ही पराशर द्वारा 40 लोगों तक ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर जसवां-परागपुर, चिंतपूर्णी, गगरेट और ज्वालामुखी क्षेत्रों में पहुंचाए गए। इससे कई मरीजों की जान बचाने में मदद मिली। इसके अलावा क्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों में भी पराशर ने ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर व ऑक्सीजन सिलेंडर अपने संसाधनों से उपलब्ध करवाए हैं। वहीं, कैप्टन संजय ने बताया कि टीम को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि फोन कॉल के बाद दो घंटे से कम समय में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए अब आठ सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है और क्षेत्र के पांच जगहों पर ये मशीनें रखी गई हैं, ताकि कंस्ट्रेटर पहुंचाते वक्त ज्यादा समय खर्च न हो। संजय ने कहा कि यह सेवा पूर्ण रूप से निशुल्क है और कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ बुजुर्गों व बीमार व्यक्तियों को सुविधा पहुंचाना उनकी प्राथमिकता है।