पराशर की टीम ने पीडित काे पहुंचाया ऑक्सीजन सिलेंडर व कंस्ट्रेटर

दुर्घटना में घायल महिला को हो रही थी सांस लेने में दिक्कत

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

एक फोन कॉल पर ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर को निर्धारित समयावधि के भीतर पीड़ित परिवार तक पहुंचाने की कैप्टन संजय की मुहिम अब भी जारी है। पराशर द्वारा विदेश से आयात करवाए गए ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर कोरोना संक्रमित मरीजों के अलावा सांस लेने में आ रही दिक्कत वाले रोगियों को भी लाभ पहुंचा रहे हैं। ताजा कड़ी में संजय की टीम ने जसवां-परागपुर क्षेत्र के नंगल चौक गांव में दुर्घटना में घायल एक महिला को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाया। इसके बाद संजय के कहने पर ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर भी दिया गया, ताकि आपात स्थिति में महिला को सांस लेने में कोई दिक्कत पेश न आए।

नंगल चौक गांव की महिला अनीता कुमारी कुछ दिन पहले एक सड़क हादसे में घायल हो गई थीं। उनका उपचार करवाने के बाद परिजन घर ले आए, लेकिन महिला को सांस लेने में परेशानी पेश आ रही थी। ऐसे में महिला के पति कैप्टन संजय को फोन किया और व्यवस्था करने का आग्रह किया। इसके बाद पराशर ने अपनी टीम को फौरन ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करवाने के दिशा-निर्देश दिए। बीमएमओ, डाडासीबा से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करवाई गई और महिला के घर पर सिलेंडर रखवाया गया। दूसरी टीम चिंतपूर्णी से ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर लेकर पहुंच गई। प्रशिक्षित टीम ने जब ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीन लगाई तो महिला का ऑक्सीजन लेबल भी बढ़ता हुआ नजर आया।

अब पिछले चौबीस घंटे में अनीता के स्वास्थ्य में सुधार होता दिख रहा है और वो पहले से बेहतर महूसस कर रही हैं। अनीता के पति रविंद्र कुमार ने बताया कि संजय पराशर सच में गरीबों के सच्चे साथी हैं। उनकी पत्नी की हालत सांस लेने में आ रही कठिनाई के कारण लगातार बिगड़ रही थी और कुछ नहीं सूझ रहा था, तभी किसी संबंधी ने कैप्टन संजय का मोबाइल नंबर दिया। बताया कि कुछ देर में ही पराशर ने यह उपकरण पहुंचाने की व्यवस्था कर दी। आभार जताते हुए रविंद्र ने बताया कि वह इस उपकार के लिए संजय के सदैव आभारी रहेंगे।

वहीं, कैप्टन संजय का कहना था कि अगर उनके प्रयासों से किसी मरीज को स्वास्थ्य लाभ मिलता है और शारीरिक कष्ट कम होते हैं, तो इससे बड़ी बात और क्या हो सकता है। बताया कि ये ईश्वरीय कार्य होते हैं और प्रभु कृपा से अगर उन्हें ये नेक कार्य करने का जिम्मा मिल रहा है, तो वह परमात्मा का ही धन्यवाद करते हैं। पराशर ने बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति को ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की जरूरत महसूस होती है, तो उनकी टीम दो घंटे के भीतर पीड़ित के घर तक उपकरण उपलब्ध करवा देती है।

जसवां-परागपुर और चिंतपूर्णी क्षेत्रों में पांच स्थानों पर ऐसी व्यवस्था की गई है। बताते चलें कि पराशर के 39 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर जसवां-परागपुर के अलावा चिंतपूर्णी, गगरेट, ज्वालाजी और देहरा विधानसभा क्षेत्रों के काेरोना संक्रमित व अन्य मरीजों के काम आए हैं और इनके कारण कई अनमाेल जिंदगियों को बचाने में मदद भी मिली।