पूर्व सैनिक लीग के चुनाव मे वाेटर लिस्ट में धांधली काे लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दर्ज

उज्ज्वल हिमाचल। नगरोटा बगवां

धर्मशाला हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक लीग के चुनावों में हुई अनके अनियमितताओं को लेकर 29 दिसंबर 2023 को माननीय प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। लीग के चुनावों में हुई गड़बड़ियों को देखतेे हुए उच्च न्यायालय ने चुनाव नतीजों पर फिलहाल तुरंत प्रभाव में रोक लगा दी है और रजिस्टार सोसायटी को जांच करने के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व सैनिक एवं अनुशासित संगठन व पृष्ठभूमि से आते हैं तथा लोकतांत्रिक मूल्यों में पूर्ण विश्वास रखते हैं। प्रदेश पूर्व सैनिक लीग की नींव वर्ष 1974 में पूर्व लेफिटनेंट जनरल केसी कटोच द्वारा रखी गई थी। जिससे प्रदेश के पूर्व सैनिकों से जुड़ी समस्याओं को हल करने में मदददकी जा सके व बकायदा रजिस्टार कार्यलय द्वारा सोसायटी एक्ट 1860 के अंतर्गत पंजीकृत है।

परंतु विगत 17 दिसंबर 2023 को धर्मशाला में लीग अध्याक्ष सेवानिवृत मेजर विजय सिंह मनकोटिया की देखरेख में सम्पन्न हुए लीग के चुनावों में इसके प्रावधानों व नियमोें को पूरी तरहज से दरकिनार कर कुछ व्यक्ति विशेष को जीत दिलाने हेतु चुनाव कराए गए जिससे लेकर पूर्व सैनिकों में भारी रोष था व उनकी कोई सुनवाई्र नहीं होने पर उन्हें अंततः न्याय हेतु कोर्ट का रूचख करना पड़ा।

पिछले 40 वर्षों से लीग के नियमों की पूरी तरह से अवहेलना कर इसके पूर्व अध्यक्ष प्रदेश पूर्व सैनिक लीग पर अपना कव्जा जमाए हुए थे। परंतु इस बार ऐसी परम्परा काभारी विरोध भी हुआ । हजहां प्रदेश के सभी 12 जिलों से पूर्व सैनिक लीग व सब-यूनिट लीगों को राज्य लीग के साथ पंजीकृत कर पूर्व सैनिकों को पूरा प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए लेकिन इस बार भी ज्यादातर कांगड़ा व चंबा लीग को वोट डालने का अधिकार दिया गया। कुल 25 पूर्व सैनिक लीगों वा सब-यूनिटों में से अधिकांश 16 लीग सिर्फ कांगड़ा व चंबा जिले में आती है।

शिमला, किन्नौर व सिरमौर जिले से आजतक एक भी लीग नहीं खड़ी की गई है। जिससे स्पष्ट होता है कि लीग के उच्च अधिकारी किस तरह से स्वय ही इस पर हावी रहकर अपने राजनैतिक उद्देश्यों को पूरा करने हुतु कठपुतली कार्यकारिणी बनाते आ रहे थे। जिसका इस बार सेवानिवृत मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा एवीएसएम एमएम बीएसएम व उनके साथियों ने कड़ा विरोध कर बैलेट से चुनाव करवाने की मांग रखी थी। परंतु एक बार चुनाव स्थगित होने क पश्चात भी पुनः करवाने में भी भारी अनियमितताएं बर्ती गईं।

वोट डालने का अधिकार लीगों के अध्यक्ष, महासचिव,उपाध्यक्षऔर कोषाध्यक्ष पदाधिकारियों को न रदेकर अपनी पसंद के सब-लीग यूनिट के अयाग्य सदरूों को दिया गया। वोटर लिस्ट में चेयरमैन व जनरल कौंसिल के सदस्यों के निाम हटाकर मनपसंद के सामान्य सदस्यों को इनमें शामिल किया गया । जिससे चुनाव एक तरफा कर जीता जा सके। जिससे एक बड़ी धांधली साफ जाििहर होती है। यहां तक कि राज्य लीग द्वारा मनोनीत चुनाव अधिकारी ने भी अनदेखी की और सही मतदाता सूची का निरीक्षण न कर गड़बड़ी करने में मदद की।

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इन सभी अनियमिताओं को लेकर पूर्व सैनिक लीग के सदस्यों में भारी रोष के कारण ही 29 दिसंबर 2023 हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका सी डब्लयू पी नं 18-2024 दाखिल की गई। याचिका की मैरिट को देखते हुए 2 जनवरी 2024 को सुनवाई के दौरान माननीय उच्च न्यायालय के तुरंत प्रभाव से लीग के चुनावा परिणाम व चुने गए प्रत्याशियों की शक्तियों पर भी अगले आदेश तक रोक लगा दी है। साथ ही साथ रजिस्टार सोसायटी शिमला को लीग के चुनावों में संबंधित सभी रिकोर्ट अपने कब्जे में लेकर उनकी जांच कर उच्च न्यायालय में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

संवाददाताः गौरव कौंडल

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