जानें कैसे बचे इन ग्रहों से

उज्जवल हिमाचल। डेस्क….

ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का शुभ-अशुभ प्रभाव व्यक्ति के पूरे जीवन पर पड़ता हैं, ज्योतिष में कुल नौ ग्रह बताए गए हैं, जिनमें से कुछ शुभ तो कुछ ग्रहों को पापक ग्रह माना गया है। जब इन पापक ग्रहों की स्थिति अशुभ होती है, तब इनके प्रभाव के कारण व्यक्ति गलत कार्य करने लगता है। इसका अर्थ यह नहीं है कि हर गलत कार्य करने वाले व्यक्ति पर ग्रहों का ही प्रभाव होता है, लेकिन कुछ लोग ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण गलत संगत आदि में फंसकर गलत कार्य करने लगते हैं।

शनि ग्रह की अशुभ प्रभाव होने पर व्यक्ति आलसी हो जाता है। उसका व्यव्हार लापरवाह और दूसरों के प्रति कठोर होने लगता है, जिन लोगों पर शनि की बुरी दृष्टि होती है, वह व्यक्ति साफ-सफाई से नहीं रहता है और अनुशासनहीन हो जाता है। व्यक्ति बुरे कर्म की ओर अग्रसर होने लगता है। लेकिन जब किसी व्यक्ति पर शनि की शुभ दृष्टि पड़ती है तो वह व्यक्ति अपने साथ समाज का कल्याण भी करता है।

उपाय

शनि की कृपा दृष्टि के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
हर शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे संध्या के समय सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति पर केतु के अशुभ प्रभाव होते हैं, तो व्यक्ति सही रास्ते का त्याग करके गलत मार्ग पर चलने लगता है। ऐसे लोग ईश्वर के विरोधी होते हैं। हर कार्य के लिए ईश्वर को दोषी ठहराते हैं, और मानसिक रुप से असंतुलित होने के कारण बुरे कार्य करते हैं। लेकिन जब यह ग्रह शुभ फल देता है तो व्यक्ति तीर्थ यात्राएं करने लगता है, और ईश्वर के प्रति श्रद्धाभाव रखता है। केतु के शुभ प्रभाव व्यक्ति से अच्छे कार्य कराते हैं, जिसके कारण व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

उपाय

केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए जातक को गणपति महाराज की पूजा-आराधना करनी चाहिए।