उज्जवल हिमाचल। शिमला
धर्म की स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 को निरस्त करने की माँग को लेकर काली बाड़ी हाल शिमला में आज विभिन्न संगठनों द्वारा अधिवेशन किया गया। इसमें माकपा विधायक राकेश सिंघा विशेष रुप से उपस्थित रहें।
सिंघा ने कहा कि सरकार विधानसभा सत्र के अंतिम दिन धर्म की स्वतंत्रता विधेयक में संशोधन के लिए सदन में लेकर आई। यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं। राज्य सरकार संसद के लिए सुझाव भेज सकती हैं। यह सविधान के खिलाफ हैं। बिल में किया गया संशोधन निरस्त किया जाना चाहिए।
सीपीआइएम के विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि यह सविधान का उल्लंघन हैं। सविधान के अनुसार किसी भी जाती को निरस्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि किसकी पूजा करनी है क्या खाना और पहनना है यह व्यक्ति की इच्छा है। आज एक विचारधारा को थोपने का काम किया जा रहा है। यह बर्दास्त नहीं किया जाएगा। सड़कों पर उतरकर इसका विरोध किया जाएगा।