सीयू पर राजनीति, नुकसान सिर्फ छात्रों का

सेंट्रल यूनिवर्सिटी पर लंबे समय से चल रही राजनीति में नुकसान सिर्फ छात्र वर्ग का ही हुआ है। तीन-तीन अस्थायी परिसरों में चल रहे केंद्रीय विवि को लेकर छात्र पशोपेश में हैं। प्रदेश की दोनों पार्टियां अपने-अपने कार्यकाल में इसका कोई स्थायी हल नहीं निकाल सकी हैं, सिर्फ बयानबाजियों के सिवाए। स्थायी निर्माण को लेकर एक-दूसरे को दोषी ठहराया जाता है। अगर विद्यार्थी बात करते हैं तो सीयू प्रशासन के अधिकारी अस्थायीपन का हवाला देकर टाल देते हैं। इस समय शाहपुर, धर्मशाला व देहरा में तीन अस्थायी खंडों में विभिन्न विषयों के 12 स्कूल चल रहे हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय 20 मार्च, 2009 को अस्तित्व में आया था, लेकिन 21 साल बीतने के बाद भी छात्रों को सुविधा नहीं मिल सकी। छात्रों को आने-जाने में ही बहुत समय बर्बाद हो जाता है। जदरांगल में इसके स्थायी निर्माण के लिए भूमि का चयन किया है लेकिन इस पर भी काम अधर में है। बहरहाल, मौजूदा सरकार अपनी इच्छाशक्ति दिखाए और इस मामले का कोई स्थायी हल निकाले, ताकि छात्रों को सभी सुविधाएं एक छत के नीचे मिल सकें।