खरूणी खड्ड में प्रदूषण बोर्ड टीम ने पानी के भरे सैंपल

सुरेंदर सिंह सोनी। बद्दी

बद्दी की खरूणी खडड् में दूषित पानी छोडने के मामले में प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों ने खड्ड के पानी के सैंपल लिए। जल्द ही इस सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद यह खुलासा हो जाएगा कि यह दूषित पानी किस कंपनी का था। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यहां पर टैंकरों के माध्यम से केमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे खड्ड का पानी जहरीला हो रहा है।

  • ठेड़ा में प्राइवेट टैंकरों के माध्यम से भी गिराया जा रहा नाले में दूषित पानी

प्रदूषण बोर्ड के जेई अभय गुप्ता के नेतृत्व में टीम ने खरूणी खड्ड से सैंपल लिया। इस मौके पर पंचायत के प्रधान नामदेव भी उपस्थित रहे। ग्रामीणों का आरोप था कि कंपनी संचालकों को बोर्ड की कार्रवाई की भनक लगते हुए शुक्रवार को पानी नहीं छोड़ा गया। जेई ने पंचायत प्रधान और ग्रामीणों से कहा कि वह पंचायत की एक कमेटी बनाए और इस खड्ड में अवैध रूप से पानी डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करवाने में विभाग की मदद करें। अगर टैंकर से पानी डाला जा रहा है तो उसे मौके पर पकड़े और पुलिस या आरटीओ के हवाले दे और अगर यह पानी किसी कंपनी का है तो संबंधित कंपनी के बारे में विभाग को सूचित करें। उन्होंने प्रदूषण को रोकने के लिए पंचायत से सहयोग की अपील की है।

  • रिपोर्ट आने के बाद होगी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई

उधर, बीबीएनआईए के प्रधान संजय खुराना ने कहा कि अगर टैंकरों के माध्यम से उद्योग केमिकल युक्त पानी क्षेत्र के नदी नालों में 10 को आ रही है तो यह चिंता का विषय है। उन्होंने सभी उद्योगपतियों से अपील की है कि वह कंपनी से निकलने वाले दूषित पानी को सीईटीपी तक पहुंचाए। और जो उद्यमी सीईटीपी के सदस्य नहीं है। उनके लिए भी ऐसा प्रावधान किया जाए कि उनसे कुछ चार्ज लेकर इस पानी को ट्रीटमेंट कराया जाए। वह जल्द ही टीसीपी, प्रदूषण विभाग, बीबीएनडीए व स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक कर अवैध रूप से चल रहे इन टैंकरों पर रोक लगाने पर विचार किया जाएगा।

उधर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसई प्रवीण गुप्ता ने बताया कि खरूणी खड्ड में केमिकल युक्त पानी छोडऩे के मामले में विभाग ने आज खड्ड के पानी के सैंपल लिए है तथा इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही विभाग संबंधित विभाग के खिलाफ कारवाई अमल में लाई जाएगी और उस क्षेत्र में कुछ जगह कुछ ऐसे भी पॉइंट निर्धारित किए हैं जहां पर छोटे टैंकरों द्वारा सीवरेज या उद्योगों का पानी छोड़ा जा रहा है।