पंजाब की घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने जताई चिंता, पीएम मोदी ने की मुलाकात

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के समय सुरक्षा में हुई चूक पर चिंता जाहिर की है। राष्ट्रपति ने आज पीएम मोदी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और पंजाब दौरे की घटना पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इस गंभीर चूक पर चिंता व्यक्त की है। दरअसल बुधवार को पाकिस्तानी सीमा से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर पंजाब के फिरोजपुर जिले में पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया था। पीएम सड़क के रास्ते रैली में शामिल होने के लिए पंजाब जा रहे थे। यहां उनके काफिले को प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया जिस कारण से लगभग 20 मिनट तक पीएम फ्लाईओवर पर फंसे रहे।

इसके बाद आखिरकार आगे का कार्यक्रम रद करना पड़ा और प्रधानमंत्री को दिल्ली वापस लौटना पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी को यहां 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखनी थी। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी बुधवार सुबह बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हेलीकाप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। बारिश और खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया। बयान में कहा गया है कि जब मौसम में सुधार नहीं हुआ तो तय हुआ कि वह सड़क मार्ग से ही राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाएंगे, जिसमें दो घंटे से अधिक का समय लगेगा।

डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की आवश्यक पुष्टि के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े। हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किमी दूर जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो पाया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को जाम कर दिया है। इस दौरान प्रधानमंत्री 15-20 मिनट के लिए फ्लाईओवर पर फंसे रहे। बयान के मुताबिक, यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा योजना के बारे में पंजाब सरकार को काफी पहले ही कर दिया गया था।

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बयान के मुताबिक, पंजाब सरकार को प्रक्रिया के अनुसार रसद, सुरक्षा के साथ-साथ एक आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी थी। इसमें कहा गया है, आकस्मिक योजना के मद्देनजर पंजाब सरकार को सड़क मार्ग से किसी भी तरह की आवाजाही को सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा तैनात करनी थी, जो स्पष्ट रूप से तैनात नहीं की गई थी। इस सुरक्षा चूक के बाद, बठिंडा हवाई अड्डे पर वापस जाने का निर्णय लिया गया।

बयान में आगे कहा गया है कि केवल पंजाब पुलिस को ही पीएम के सही रास्ता पता था और पुलिस का इस तरह का व्यवहार पहले कभी नहीं देखा गया है। गृह मंत्रालय ने गंभीर सुरक्षा चूक का संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार को भी इस चूक की जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।