प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने स्कूलों को ना खोलने के निर्णय पर जताया रोष

एमसी शर्मा। नादौन

हिमाचल प्रदेश प्राइवेट स्कूल की विभिन्न एसोसिएशन की वेब मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमें सरकार द्वारा स्कूलों को ना खोलने के निर्णय पर रोष प्रकट किया गया। एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि देश के अधिकतर राज्यों में स्कूल खुल चुके हैं इसके बावजूद हिमाचल सरकार स्कूल नहीं खोल रही है जबकि स्कूल के अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है क्योंकि आवासीय स्कूल और एकेडमी खोल दी गई है। वहीं दूसरी तरफ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों के लिए स्कूल बंद रखकर शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार और शिक्षा विभाग जो भी शिक्षा को लेकर फैसला लेता है वह सरकारी स्कूलों को ध्यान में रखकर ही लेते है जबकि कभी भी निजी स्कूलों के संगठनों से कोई राय नहीं ली जाती है।

इस मीटिंग में मौजूद सदस्यों चंबा से संजीव सुरी, अनिल शर्मा ,कांगड़ा से डॉक्टर गुलशन, सुधांशु शर्मा, अंकुश सूद, रमन अवस्थी, अनुराग, हरबंस, यूके शर्मा, सुश दीन पठानिया, मंडी से वीरेंद्र गुलेरिया ,नारायण सिंह, प्रेमभूषण शर्मा, बीडी शर्मा, दिनेश शर्मा, सत्य प्रकाश, बलवंत बुराड़ी, सुरेंद्र राणा, शिमला से रवि शांडिल्य, बीएन, किन्नौर से आर एल नेगी , ऊना से से लखन पाल शर्मा, महेश राणा, अनु शर्मा अंशुल, श्यामलाल, अरुणा कौशल, हमीरपुर से एस के ठाकुर, राजन ,अनिल, कुल्लू से पूर्ण चंद् ,गणेश गनी ,निरंजन और भी विभिन्न जिलों के सदस्य घनश्याम ,कृष्ण कालिया ,भूपेंद्र सिंह दीप कुमार आर्य ,अरुण शर्मा, एके जरियाल ,संगीता शर्मा, सुरक्षा शर्मा, कल्याण सिंह, महेंद्र गुलेरिया इत्यादि ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जिला स्तर पर स्कूल संचालकों की एक कमेटी गठित की जाएगी इसमें अभिभावकों सहित स्कूल से जुड़े व्यवसाय करने वालों को भी साथ जोड़ा जाएगा। यह समिति सरकार के समक्ष संयुक्त रूप से स्कूल खोलने के लिए मांग करेगी।

स्कूल संचालकों रोष व्यक्त किया कि सरकार बच्चों के भविष्य की तरफ नहीं देख रही है जबकि विभिन्न तरह के कार्यक्रमों में भीड़ जुट रही है ऐसे में कब तक सरकार यह दोहरा रवैया अपनाती रहेगी। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में बच्चे स्कूल जाकर पढ़ रहे हैं लेकिन हिमाचल के बच्चे अभी घर में बैठकर ऑनलाइन पढ़ रहे हैं ऐसे में जब संयुक्त परीक्षा होगी तो हमारे राज्य के बच्चे दूसरे राज्यों के बच्चों से कैसे प्रतियोगिता करेंगे। कुछ स्कूल संचालकों का कहना था कि हिमाचल में 18 साल से ऊपर की वैक्सीनेशन 100 प्रतिशत हो चुकी है । अन्य राज्यों के साथ तुलना की जाए तो हिमाचल सबसे आगे हैं परंतु स्कूल खोलने की जब स्थिति आती है तो हिमाचल पिछड़ रहा है।
सभी सदस्यों में सहमति थी कि बच्चे जो ऑनलाइन स्टडी कर रहे हैं, वह काफी पिछड़ गए हैं और इनको नॉर्मल करने में 2 या 3 साल लग जाएंगे। बच्चों पर मानसिक और शारीरिक दोनों तरफ से नुकसान हुआ है। इसलिए बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार को बहुत जल्दी निर्णय लेना पड़ेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री दोनों से समय लिया जाएगा और अपना पक्ष रखा जाएगा।