सिंचाई क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिये करोड़ों की परियोजनाएं स्वीकृति : अग्निहोत्री

एमसी शर्मा । नादौन

हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा दस बड़ी सिंचाई और बहुद्देश्यीय परियोजनाओं में से हिमाचल प्रदेश को छह की स्वीकृति प्रदान करने को ऐतिहासिक फ़ैसला करार दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने राष्ट्रीय महत्व की रेणुकाजी बांध समेत 7,922.69 करोड़ रुपये की छह परियोजनाओं को हिमाचल के लिये मंजूरी प्रदान कर पूरे प्रदेश की जनता का दिल जीत लिया है। निगम उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री ने जानकारी दी कि केंद्र के जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की 13वीं निवेश अनुमति समिति की बैठक में इस वित्तीय प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है। इसमें हिमाचल के लिए सिंचाई, बहुउद्देश्यीय और बाढ़ नियंत्रण जैसी छह बड़ी परियोजनाएं सम्मिलित हैं।

निगम उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री ने कहा कि रेणुका बांध गिरि नदी के पास ददाहू में बन रहा है। इसमें बिजली उत्पादन के लिए जहां हिमाचल प्रदेश 12 फीसदी ख़र्च वहन करेगा वहीं पर इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 88 प्रतिशत होगी। विजय अग्निहोत्री ने जानकारी दी कि बैठक में स्वीकृत कुल 10 परियोजनाओं में से छह हिमाचल के ख़ाते में आईं हैं। जोकि विकास के पथ पर बढ़ते हुये हिमाचल के लिये एक ऐतिहासिक मील पत्थर साबित होगा। अन्य चार परियोजनाओं में तीन महाराष्ट्र और एक तमिलनाडु के लिए स्वीकृत की गई है।

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उन्होंने बताया कि रेणुका बांध प्रोजेक्ट से हिमाचल को 40 मेगावाट मुफ्त बिजली और 3.15 प्रतिशत की जल हिस्सेदारी मिलेगी। निगम उपाध्यक्ष अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल को मिली छह परियोजनाओं में 6,947 करोड़ रुपये की रेणुका जी बांध परियोजना राष्ट्रीय परियोजना है । जबकि हिमाचल सरकार की 975.70 करोड़ रुपये की पांच अन्य परियोजनाएं अलग से हैं। इन पांच परियोजनाओं में मंडी जिले की समौर खड्ड के लिए 145.73 करोड़ रुपये, कांगड़ा जिले की नकेड़ खड्ड और इसकी सहायक नदियों के लिए 231.02 करोड़ रुपये, सिरमौर की यमुना नदी के दाएं किनारे और इसकी सहायक नदियों के लिए 250.46 करोड़, मंडी जिले में बरछवाड़ से जाहू तक शीर खड्ड के लिए 157.66 करोड़ रुपये तथा शिमला जिले की रोहड़ू तहसील में तक्कड़ी से हाटकोटी तक पब्बर नदी के लिए 190.82 करोड़ रुपये की सिंचाई, बहुउद्देश्यीय एवं बाढ़ नियंत्रण परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा किरेणुका बांध प्रोजेक्ट की अंतिम फाइनांस अप्रूवल को मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।

अब मामला केंद्रीय कैबिनेट में जाने के बाद काम शुरू हो जाएगा। निगम उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री के कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी मुख्य तौर पर कृषि और बागवानी पर आधारित है। प्रदेश के किसानों और बागवानों के लिये सिंचाई सुविधा का होना ही उनकी लाइफ लाइन मानी जाती है। इसलिये राज्य के लिये स्वीकृत जहां ये बड़ी सिंचाई और बहुद्देश्यीय परियोजनाएं हमारे किसानों और बागवानों के एक बहुत बड़े वर्ग को लाभान्वित करने वाली साबित होंगी वहीं पर निकट भविष्य में केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें मिलकर, चरणबद्ध तरीके से किसानों और बागवानों को सिंचाई की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिये तीव्र गति से कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि सिंचाई सुविधाओं के सुलभ होने से किसानों और बागवानों की आर्थिकी में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा।