तीसरी लहर की संभावनाओं ने बढ़ाईं लोगों और सरकार की चिंताएं

उज्जवलहिमाचल। नई दिल्ली

देश में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार अभी थम ही रही है। इस बीच तीसरी लहर की संभावनाओं ने लोगों और सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। आने वाले हफ्तों या महीनों में भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना जताई गई हैं। इस बार सरकार की चिंताएं बढ़ाईं हैं। कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने। फिलहाल तो कोरोना वायरस का ये वैरिएंट (प्रकार या रूप) सिर्फ महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में मिला है, लेकिन इसके तेजी से फैलने की आशंका जताई गई है। केंद्र ने डेल्टा प्लस को अभी वैरिएंट आफ इंटरेस्ट की श्रेणी में रखा है। हालांकि, इस वायरस के एक बार फिर से तेजी से संक्रमण फैलाने का खतरा है।

आइए जानते हैं आखिर कोरोना वायरस का नया डेल्टा प्लस वैरिएंट है क्या और इसे क्यों संभावित तीसरी लहर के पीछे का कारण माना जा रहा है। देश में कोरोना का अब एक नया वैरिएंट सामने आया है, जो पिछले डेल्टा वैरिएंट के काफी करीब है। इसे AY.1 या डेल्टा प्लस वैरिएंट नाम दिया गया है। यह डेल्टा वैरिएंट के म्यूटेशन से बना है। यह डेल्टा वैरिएंट का विकसित रूप है। डेल्टा वैरिएंट पहली बार भारत में ही पाया गया था। देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वायरस की चपेट में आए ज़्यादातर लोग इसी वैरिएंट के शिकार हुए थे। कोरोना का डेल्टा वैरिएंट देश में दूसरी लहर के पीछे की वजह रहा था। कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अभी ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। केंद्र सरकार के पास भी इसके बारे में अभी बहुत कुछ पता नहीं है।

इसे लेकर अध्ययन हो रहे हैं। भारत में इसके संक्रमण को लेकर अभी भी अध्ययन किया जा रहा है, लेकिन सरकार ने स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन के कारण इसके खतरनाक रूप धारण करने की आशंका जताई है। इस वैरिएंट की गंभीरता को देखते केंद्र ने उन तीन राज्यों को एडवाइजरी जारी कर जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है, जहां इनके सबसे अधिक केस सामने आए हैं। भारत में इसके 40 मामले मिले है। देश के चार राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में ये मामले सामने आए हैं। इसको लेकर इन राज्य सरकारों को अलर्ट रहने को कहा गया है। डेल्टा प्लस के भारत में जो मामले मिले हैं, उनमें महाराष्ट्र के दो जिलों रत्नागिरी और जलगांव में 16 मामले आए हैं।

बाकी तमिलनाडु, केरल और मध्य प्रदेश में मिले हैं। देश में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला मामला मध्य प्रदेश के भोपाल में सामने आया था। यहां एक 65 वर्ष की महिला में य़े वैरिएंट सबसे पहले पाया गया था। डेल्टा प्लस वैरिएंट फिलहाल भारत समेत नौ देशों-अमेरिका, ब्रिटेन, स्विटजरलैंड, पुर्तगाल, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है। वैसे अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन या किसी अन्य देश ने भी डेल्टा प्लस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न करार नहीं दिया है। लेकिन दुनिया के कई देशों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले अब सामने आने लगे हैं। कोरोना के वैरिएंट की पहचान के लिए सरकार ने 10 प्रयोगशालाओं का एक कंसोर्टियम बनाया था। मई में इसमें 18 और प्रयोगशालाओं को जोड़ा गया। इन लेबोरेटरी में अब तक 45 हजार सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई है। डेल्टा प्लस वैरिएंट की पहचान भी इसी जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से हुई।

केंद्र सरकार डेल्टा प्लस वैरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए उसके मामलों की बारीकी से निगरानी कर रही है। सरकार के मुताबिक, अगर कोरोना को लेकर लोग उचित व्यवहार करें तो वायरस के प्रसार में कमी आ सकती है। सरकारी ओर से कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर को रोकना हमारे हाथों में है। अगर हम अनुशासित रहते हैं, कोरोना से बचाव के नियमों का उचित तरीके से पालन करते हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगा दी जाती है, तो तीसरी लहर को आने से रोका जा सकता है।