हिमाचल : सरकार की अनदेखी पर काले बिल्ले लगाकर प्राध्यापकों का विरोध प्रदर्शन जारी

नई शिक्षा नीति का किया विरोध

विनय महाजन। नुरपुर

हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राध्यापक संघ (एचजीसीटीए) के आह्वान पर पंजाब फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स द्वारा जारी आंदोलन के समर्थन में प्रदेश भर के महाविद्यालयों के सभी प्राध्यापक यूजीसी पे स्केल न देने और प्रदेश सरकार द्वारा लंबित उनकी अनेक मांगे न माने जाने के विरोध में काले बिल्ले लगाकर प्रदर्शन जारी रखेंगे।

यह भी पढ़े : रंग बिरंगे गुबारों से सजा श्री बज्रेश्वरी देवी का मंदिर

एचजीसीटीए अध्यक्ष डॉ धर्मवीर सिंह ने प्रदेश सरकार पर प्राध्यापक वर्ग के साथ अनदेखी के आरोप लगाते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से नियुक्त एचजीसीटीए कार्यकारिणी को प्रदेश सरकार प्राध्यापक वर्ग से संबंधित नीति निर्धारण की प्रक्रिया में शामिल नहीं करती हैं। उन्होंने कहा कि 1600 सदस्यीय प्राध्यापक संघ द्वारा बीते वर्षों में सरकार से विभिन्न मंचो पर रखी गई अनेक मांगे अभी भी लंबित पड़ी हुई हैं।

यह भी पढ़े : आशीष बनाएंगे हिमाचल में ओलंपयिनस की राह : डोगरा

वहीं एचजीसीटीए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रो. संजय जसरोटिया ने अनुबंध कार्यकाल का सेवा लाभ देने की मांग करते हुए कहा कि यूजीसी भी अनुबंध कार्यकाल का सेवा लाभ देने की मान्यता देती है। वहीं प्रदेश विश्विद्यालय भी अनुबंध कार्यकाल को सिनियोरिटी के लिए स्वीकार करता है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से महाविद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों को इसका कोई लाभ नहीं दिया जा रहा। महाविद्यालयों में प्रोफेसर के पद सृजित करने की मांग करते हुए प्रो. जसरोटिया ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में एसोसिएट प्रोफेसर इस अवसर पर इनके अलावा एचजीसीटीए उपाध्यक्ष डॉ ओपी ठाकुर, सह सचिव प्रोफेशनल डॉ सतीश ठाकुर और सह सचिव एकेडमिक डॉ अनित शर्मा भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे। डॉ पीएल भाटिया, डॉ रमेश ठाकुर, प्रोफेसर रविन्द्र डोगरा, प्रोफेसर पर्ल बक्शी, प्रोफेसर भारती भगसेन, प्रोफेसर यजुविन्दर गिरी उपस्थित थे। जिन्होंने सरकार की नीतियों की खुलकर आलोचना की।