एनएच की चौड़ाई को लेकर किए जा रहे भूमि अधिग्रहण पर उठाए सवाल

शिलाई में लोगों ने कार्यकारी उपमंडलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश सरकार को भेजा शिकायतपत्र

चमेल सिंह देशाईक। शिलाई
राष्ट्रीय राजमार्ग 707 को चौड़ा व टू लाइन पट्टी बनाने के लिए विभागीय कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। शिलाई में राजमार्ग को लेकर भूमि अधिग्रहण कार्य चल रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों से सारी बातें छिपाई जा रही है। विभागीय कर्मचारी अपने चहेते लोगों सहित प्रभावशाली लोगों के इशारे पर कार्य कर रही है। विभागीय कर्मचारियों की मनमानी व लोगों को पूर्ण जानकारी न देने के कारण बाजार वासियों ने कार्यकारी उपमंडलाधिकारी शिलाई निशा आजाद के माध्यम से प्रदेश सरकार व संबंधित अधिकारियों को शिकायत पत्र भेजकर उचित कार्रवाई की मांग की है। मामला शिलाई बाजार का है जहां पर बंदोबस्त विभाग के कर्मचारी व राष्ट्रीय राजमार्ग के कर्मचारी इन दिनों राज्य राजमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का रास्ता साफ कर रहे है। मौका पर पहुंचे कर्मचारियों की कार्यप्रणाली उस समय कटघरे में खड़ी हो गई। जब कागजों पर कही, तथा मौके पर कही निशान लगाए गए है। आरोप यह भी लगे की जिन मालिकों से घूस मिल रही है। उनके मकान मार्ग की जद में आने से बचाए जा रहे हंै। जिस व्यक्ति के लिए किसी नेता का फोन आ रहा है उसे भी बचाया जा रहा है तथा जो परिवार कर्मचारियों को भोजन पर ले उनका भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसलिए बाजार के 500 मीटर के दायरे में राष्ट्रीय राजमार्ग का इंद्रधनुष बनाया जा रहा है जो स्थानीय लोगों के लिए जहां लड़ाई-झगड़े का माहोल बना रहा है तो कई मालिकों के पुरे भवन साफ़ हो जाएगे।

बाजार वासियों में अतर सिंह नेगी, विक्रम चौहान, श्याम सिंह चौहान, शुपा राम, तुलसी राम, रतन सिंह, जगत सिंह, इंद्र सिंह, विरेंद्र राणा, बस्ती राम, बबलू, प्रदीप सिंह, प्रकाश ठाकुर, रतन तोमर, लाल सिंह ने शिकायत पत्र में बताया है कि बाजार के अंदर सड़क के निचले किनारे पर पूर्ण रूप से अवैध कब्जे हुए है, बीच सड़क में मकान बनाए गए है, राष्ट्रीय राजमार्ग 707 की प्रोजेक्ट रिपोर्ट वर्ष 2012 में बनाई गई है, उसी दौरान मौके पर बनी राज्य राजमार्ग सड़क को नापकर नक्शा बनाया गया है तथा भुमालिकों सहित अवैध बने भवनों की सूचि भी बनाई गई है। सरकार ने राज्य राजमार्ग की भूमि का अधिग्रहण पहले ही कर लिया है, भूमालिकों को मुआवजा भी दिया जा चुका है, लेकिन सड़क के निचले कौने में भवन मालिकों ने रेंप, सीडियां, मकान पक्की सड़क पर बना दिए है सड़क मार्ग की दीवार कई मकानों के अंदर दब गई है। इसलिए जब तक विभाग निचली तरफ भवनों के अंदर सड़क की दीवार से नापनपाई नही करते है तो तक बाजारवासी मौके पर विभागीय कार्रवाई नहीं करने देंगे। इसलिए अपील की जाती है कि राष्ट्रीयराज मार्ग व बंदोबस्त विभाग के कर्मचारी कार्य बंद करें अन्यथा मौके पर लड़ाई का माहौल हो सकता है। उल्लेखनीय है कि शिलाई में जमीन का लठ्ठा फटने के कारण वर्ष 2014 से बंदोबस्त कार्य प्रगति पर है, लेकिन विभाग ने अभी तक शिलाई बाजार का बंदोबस्त नहीं किया है, बंदोबस्त कार्य अधर में होने के कारण स्थानीय लोगों की सैकड़ों फाइलें यह कहकर बंद कर दी गई है कि शिलाई में जमीन के कागज सही नहीं है। इसलिए निशादेही व तक्सीम नहीं हो सकती है, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य दिन में कम व रात में अधिक चल रहा है कर्मचारी लोगों कि नजरों से बच बच कर सड़क में निशान लगाने का कार्य कर रहे है। सड़क का निचला कोना छोड़कर वहीं से सड़क की नपाई हो रही है जहां पर प्रभावशाली, घूसखोर व चहेते लोगों के भवन की सीमा समाप्त हो रही है। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि आम जनता के लिए जो कागज फट्टे हुए थे। वह बंदोबस्त कार्य पूर्ण होने से पहले कैसे पैदा हो गए है, यदि कागज है तो स्थानीय जनता से क्यों जानकारी छिपाई जा रही है। कार्यकारी उपमंडलाधिकारी शिलाई निशा आजाद ने बताया कि बाजार वासियों कि शिकायत उनके पास पहुंची है, जिसे आगामी कार्रवाई के लिए सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों को भेजा गया है।