राजकीय माध्यमिक पाठशाला ठेहडू में मिड-डे मील की नियुक्ति को लेकर उठे सवाल

चेन गुलेरिया। जवाली
 उपमंडल जवाली के अधीन राजकीय माध्यमिक पाठशाला ठेहडू में मिड-डे मील वर्कर की नियुक्ति संदेह के घेरे में आ गई है। मिड-डे मील वर्कर की नियुक्ति को लेकर स्कूल इंचार्ज व स्कूल प्रबंधन समिति आमने-सामने आ गए हैं।
राजकीय माध्यमिक पाठशाला ठेहडू में 21 मार्च 2022 में मिड-डे मील वर्कर के लिए आवेदन मांगे थे जिसके लिए पंचायत व स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी चिपकाया गया था तथा आवेदन करने की अंतिम तिथि 31मार्च 2022 रखी गई थी।
इसके लिए आरती देवी पत्नी सतीश कुमार निवासी बढिण तथा रीनू देवी पत्नी रमन कुमार निवासी ठेहडू ने आवेदन किया। दोनों ही आवेदकों का 23अप्रैल 2022 को इंटरव्यू हुआ जिसमें दोनों के अंक बराबर हो गए तथा स्कूल समिति व स्कूल द्वारा स्कूल के पास घर होने यानी दूरी के आधार पर रीनू देवी को सिलेक्ट कर लिया गया।
इसके बाद शिकायतकर्ता आरती देवी ने कहा कि आखिरकार किस आधार पर रीनू देवी को नियुक्ति दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कहीं न कहीं स्कूल प्रशासन व स्कूल प्रबंधन समिति की मिलीभगत से रीनू देवी को सिलेक्ट किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझ कर स्कूल द्वारा ऐसा किया गया है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि मैंने 25-26 मार्च को स्कूल में आवेदन किया था तथा जो फाइल जमा करवाई थी उसमें मात्र पंचायत व पटवारी द्वारा ही वेरिफिकेशन की गई थी जबकि फार्म ऑनलाइन नहीं हुए थे। स्कूल द्वारा 18 अप्रैल को मुझे फोन से सूचित किया गया कि आपके फार्म ऑनलाइन नहीं हुए हैं, उसी दिनांक को मैंने स्कूल से फाइल ली तथा ऑनलाइन डॉक्यूमेंट बनवाए तथा स्कूल में जमा करवा दिए।
अब सवाल यह उठता है कि जब आवेदन करने की अंतिम तिथि 31मार्च 2022 निर्धारित थी तो फिर स्कूल द्वारा 18 व 19अप्रैल 2022 को बने प्रमाण पत्र कैसे जमा कर लिए जबकि ऐसा करने की बजाए फाइल को ही रिजेक्ट कर देना चाहिए था।
वहीं एक अन्य महिला साहनी देवी पत्नी बलबंत सिंह निवासी ठेहडू ने भी आरोप लगाया है कि मैंने भी स्कूल में मिड-डे मील वर्कर के लिए आवेदन किया था लेकिन 11अप्रैल 2022 को आवेदन किया था तथा मेरे आवेदन को रिसीव भी किया गया लेकिन बाद में लेट फाइल जमा करवाने के कारण फाइल को रिजेक्ट कर दिया गया।
अगर मैंने लेट आवेदन किया था तो फिर लेट फार्म बनवाकर जमा करवाने पर आरती देवी के आवेदन को कैसे ले लिया तथा उसका इंटरव्यू कैसे ले लिया। इस सारे मामले में कहीं न कहीं मिलीभगत की बू आ रही है।
शिकायतकर्ता आरती देवी व साहनी देवी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री, डिप्टी डायरेक्टर, बीईईओ जवाली से मांग की है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए ताकि सच्चाई का पता चल सके।
 इस बारे में स्कूल इंचार्ज अनु गिल ने बताया कि हमने बिल्कुल सही तरीके से कार्य किया है तथा एसएमसी की सहमति से ही रीनू देवी की बतौर मिड-डे मील सिलेक्शन की है। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं।
इस बारे में स्कूल प्रबंधन समिति की अध्यक्ष रीनू देवी ने कहा कि किस-किस ने आवेदन किया है, इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं तो अभी 3-4 दिन पहले ही चयनित हुई हूं।
बीईईओ जवाली के अधीक्षक अजय कुमार:
इस बारे बीईईओ कार्यालय जवाली के अधीक्षक अजय कुमार ने कहा कि अगर दोनों के अंक बराबर थे तो सर्वप्रथम नाम के अल्फवेट के आधार पर जिसके नाम का पहला अक्षर पहले आना था उसकी नियुक्ति होनी चाहिए थी।
अगर दोनों के नाम के प्रथम अक्षर एक जैसे हैं तो फिर उम्र को आधार बनाकर जिसकी उम्र ज्यादा होनी थी उसको नियुक्ति देनी चाहिए थी। स्कूल में दोनों में से किसी भी गाइडलाइन का अनुसरण नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास शिकायत आती है तो हम इस पर कार्रवाई करेंगे।