रैगिंग एक बुरी प्रथा, जो छात्रों की ले सकती है जान : डॉ एसएस डोगरा

चंबा में पंडित ज्वाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एंटी रैगिंग व रैगिंग के बारे में डॉ डोगरा छात्राओं को ज्ञान देते हुए

उज्ज्वल हिमाचल। चंबा
पंडित ज्वाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल चंबा में एंटी रैगिंग और रैगिंग के लिए कानून तथा दंड पर संवेदीकरण सत्र आयोजित किया गया। इसमें मेडिकल कॉलेज चंबा के प्राचार्य डॉ एसएस डोगरा बतौर मुख्यअतिथि उपस्थित रहे।
डॉ. डोगरा ने एमबीबीएस प्रशिक्षुओं को अवगत करवाया कि रैगिंग शैक्षणिक संस्थानों व मेडिकल कॉलेजों में चिंता का विषय है। रैगिंग एक बुरी प्रथा है, जो छात्रों की जान ले सकती है। विकलांगता और कभी-कभी छात्र संस्थान छोड़ सकते है। डॉ. डोगरा ने कहा मेडिकल कॉलेज चंबा जीरो रैगिंग संस्थान है।

रैगिंग का मुख्य कारण अनुशासनहीनता की कमी

इस अवसर पर अधिवक्ता नीरज सहगल ने बतौर मुख्यअतिथि रहे। उन्होंने कहा कि रैगिंग से मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना व आघात पहुंचता है। रैगिंग का मुख्य कारण अनुशासनहीनता की कमी है। तमिलनायडु में 1997 रेगिंग का केस सामने आया थाए जिसको लेकर साल 2001 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने रैगिंग को गैर कानूनी घोषित कर दिया। कुछ सालों के बाद मेडिकल कॉलेज टांडा में अमन काचरू रैगिंग के केस ने देवभूमि हिमाचल को भी शर्मशार कर दिया था। जिसको लेकर समय-समय पर रैगिंग को लेकर कडे़ नियम भी बनाएं गए और कानून की भिन्न-भिन्न धाराओं के तहत सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

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रैगिंग के विभिन्न कारणों की छात्राओं को दी जानकारी

डॉ. प्रदीप सिंह एंटी रैगिंग कमेटी सदस्य ने भी अपने विचार प्रशिक्षुओं के सामने रखे और कहा कि रैगिंग के विभिन्न कारणों, रैगिंग की रोकथाम और इससे संबंधित कानून के बारे में विस्तार से बताया और रैगिंग न करने पर कहा। वही इसी मौके पर अधिवक्ता नीरज सहगल के द्वारा प्रशिक्षुओें व अन्य समस्त लोगोें को रेगिंग न करने के लिए शपथ भी दिलवाई गई। इस मौके पर चीफ वाडनर डॉ जावेद मुल्ला, कर्मचारी और अधिकारियों सहित एमबीबीएस बेच 2019, 2022, 2021, 2022 के प्रशिक्षु भी मौजूद रहे।

संवाददाताः शैलेश शर्मा

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