रैहन से छतर मार्ग खस्ताहाल, राहगीर एवं वाहन चालक परेशान

चैन गुलेरिया। रैहन

भले ही सरकार सड़कों को सुधारने की बड़ी बड़ी ढींगे मार रही है लेकिन धरातल पर अभी कुछ नही है। एक ऐसी विधान से सभा का किस्सा बताया जा रहा है कि जिसमें अगर प्रदेश में सरकार भाजपा की हो तो विधायक कांग्रेस का होता और प्रदेश में सरकार कांग्रेस की हो तो विधायक भाजपा का होता था लेकिन पिछले लगभग 15 साल से इस विधानसभा में भाजपा का नामोनिशान ही नहीं रहा केवल कांग्रेस का ही विधायक सुजान सिंह पठानिया ही रहा। सुजान सिंह पठानिया के निधन के बाद अब फतेहपुर की कमान पठानिया के बेटे भवानी पठानिया के हाथों आ गयी। कांग्रेस के 15-20 सालों में रैहन से पंडोला मार्ग की हालत दिनप्रतिदिन बद से बदतर होती गयी लेकिन विभाग अपने कानों में रुई डालकर गहरी निंद्रा में लीन है।

छतर गांव के पास सड़क पर इतने गहरे गड्ढे है कि बड़े वाहन हिचकोले लगाते हुए निकल जाते है लेकिन छोटे वाहनों का वहां पर आए दिन कोई न कोई हादसा होता रहता है। यह मार्ग अब तो बिल्कुल खड्ड का रूप धारण कर चुका है। इस मार्ग से जब कोई अनजान व्यक्ति गुजरता है तो फिर इस मार्ग से वापिस आना नही चाहता भले ही उसे लम्बा सफर क्यों न तह करना पड़े। ऐसा लगता है कि इस मार्ग से कभी भी विभाग के कर्मचारी व अधिकारी नहीं गुजरे होंगे अगर गुजरे भी होंगे तो फिर इस मार्ग की दशा को सुधारना मुनासिब नहीं समझते होंगे।

इतना ही नहीं इस मार्ग पर पिछले साल जो कंक्रीट वर्क हुआ वह भी जगह-जगह से उखड़ चुका है ऐसा लगता है कि उस कंक्रीट वर्क में सीमेंट नाम की कोई चीज ही नहीं डाली हो। अब सवाल यह उठता है कि किसी ठेकेदार को टेंडर देने के बाद विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी खत्म हो जाती है। या फिर अधिकारी किसी राजनीति के दवाव के चलते ठेकेदारों के साथ गठजोड़ कर लेते है। बुद्धिजीवी बर्ग ने सरकार व विभाग से गुहार लगाई है कि शीघ्र ही इस मार्ग की सुध लेकर दुरुस्त किया जाए ताकि आने जाने वालों के लिए राहत मिल सके। इस बारे जब अधिशाषी अभियंता रोशन लाल से फोन पर सम्पर्क करना चाहा तो सम्पर्क नहीं हो पाया।