राकेश चौधरी बोले, बेहतर होता सरकार फुल लॉकडाउन लगा देती

आधी दुकानें बंद रखने से कारोबारियों में रोष, कफ्र्यू में बसों में कैसे सफर करेंगी सवारियां

कोरोना की चेन तोडऩे के लिए जनता को करना होगा नियमों का पालन

उज्ल्ज्वल हिमाचल । श्री चामुंडा जी

प्रदेश भर में सात से 16 मई तक कोरोना कफ्र्यू लगाया गया है। कोरोना की चेन को तोडऩे के उद्देश्य से यह कफ्र्यू लगाया गया है। धर्मशाला उपचुनाव में आजाद प्रत्याशी रहे राके श चौधरी ने इस कफ्र्यू को लेकर प्रदेश सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं। राकेश चौधरी ने चामुंडा में जारी बयान में कहा कि बेहतर होता सरकार कुछ दिनों का फुल लॉकडाउन लगा देती। उन्होंने कहा कि इस कफ्र्यू में कपड़ा, मनियारी, हलवाई आदि की दुकानों को पूरी तरह बंद रखा गया है,जबकि कई अन्य दुकानों को खुला रखा गया है। इसके दो नुकसान हैं। एक तो इससे कोरोना चेन के टूटने में वक्त लगेगा और दूसरा पूरी तरह बंद रखी गई दुकानों के कारोबारियों में रोष बढ़ेगा। राकेश चौधरी ने कहा कि सरकार ने कोरोना कफ्र्यू के साथ धारा 144 लगाई है, साथ ही बसों में 50 फीसदी सवारियों की छूट दी है। कफ्र्यू में यह कैसे संभव होगा। इसी तरह कंस्ट्रक्शन वर्क की बात की जा रही है,लेकिन सवाल उठता है कि अगर किसी ने लैंटल या स्लैब जैसे काम करने हैं,तो वहां पांच से ज्यादा मिस्त्री व मजदूर कैसे जुट पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कैसे संभव है कि हलवाई सिर्फ दूध और दही बेचे और मिठाइयां न बेचे। राकेश चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार को सभी की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए।

जनता दे प्रशासन का साथ
राकेश चौधरी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर भयानक तरीके से फैल रही है। ऐसे में जनता को भी चाहिए कि वह मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखे। लक्ष्ण पाए जाने पर लोग अपना टैस्ट जरूर करवाएं। साथ ही वैक्सीनेशन में बढ़ चढक़र हिस्सा ले। चौधरी ने समाज के संपन्न वर्ग से भी आग्रह किया है कि वे कोरोना कफ्र्यू के दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद करे।

खाद को फ्री करे सरकार
चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश सरकार को किसानों का भी ख्याल रखना चाहिए। हाल ही में खाद के दाम एक साथ सात सौ रुपए तक बढ़ाए गए हैं। इस बार फसलें पहले ही बर्बाद हो चुकी हैं। साथ ही कोरोना ने काम धंधे ठप कर दिए हैं। प्रदेश सरकार को चाहिए कि धान व खरीफ की फसलों के लिए खाद और दवाएं किसानों को फ्री मिलनी चाहिएं। उन्होंने हाल ही में फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा न देने पर भी सरकार के प्रति रोष जताया है।