करोड़ों रुपए से निर्मित मिनी सचिवालय राम भरोसे

चैन सिंह गुलेरिया। जवाली

जवाली उपमंडल एवं तहसील कार्यालय का भवन देखने को तो आलीशान मिनी सचिवालय है और भीतर से खोखला एवं गंदगी से भरा पड़ा हुआ है, जिसकी सुध लेने वाला अभी तक कोई जहमत नहीं उठा पाया। ऐसा मालूम होता है कि यह सचिवालय अनाथ हो। इस सचिवालय में प्रशासन नाम की कोई चीज नही है। प्रशासन नाम की कोई चीज न होने कारण जवाली विधानसभा की जनता प्रताड़ित हो रही है। स्टाफ के अभाव के चलते तहसील कार्यालय में लोगों के 5-6 वर्षाें के केस लटके हुए हैं। दूर-दराज के लोग बार-बार तहसील के चक्कर लगाकर हार चुके हैं, जिससे लोगों को मानसिक तौर पर परेशान होना ही पड़ रहा है। साथ में इस महंगाई व कोरोना काल की स्तिथि मे आर्थिक बोझ की मार भी झेलनी पड़ रही है।

इस मिनी सचिवालय में ऑफिस कानूनगो का एक पद, फील्ड कानूनगो का एक पद, क्लर्क का एक पद, स्वीपर का एक पद, जमादार का एक पद, तामील कर्ता के तीन पद, पटवार सर्किल जवाली, हड़सर, ढसोली, मकडाहन, भरमाड़ में पटवारियों के पद खाली पड़े हुए हैं। इतना ही नहीं कोटला उपतहसील में सीनियर असिस्टेंट का एक पद, जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का एक पद, जमादार का एक पद, तामील कर्ता के दो पद, पटवारी का एक पद खाली चल रहे हैं।

अभी भी यह किस्सा खत्म नहीं हुआ। जवाली विधानसभा क्षेत्र की उपतहसील नगरोटा सूरियां में भी ऑफिस कानूनगो का एक पद, पटवारियों के दो पद, जमादार का एक पद, तामील कर्ता के दो पद काफी समय से खाली चल रहे हैं। बड़े हैरत की बात है कि यह मिनी सचिवालय जवाली के विधायक अर्जुन सिंह के नाक तले हैं। इस मिनी सचिवालय में रोजाना सैकड़ों लोग अपने रोजमर्रा कामों के लिए आते हैं और कार्यालय के अंदर रखी खाली कुर्सियों के दर्शन करके मायूसी लेकर वापस चले जाते हैं।

इस मिनी सचिवालय की दुर्दशा के बारे में कई बार पत्राचार के माध्यम से उछाल चुके है लेकिन यहां के विधायक ने गरीव जनता की इस गंभीर समस्या को हल करना मुनासिब नहीं समझा। विधायक केवल भूमि पूजन, झूठी घोषनाएं, लोगों का ध्यान बदलने के लिए शिलान्यास व कांग्रेस काल के कामों का उद्घाटन करके पट्टिका पर अपने नाम चिपकाने में मशगूल हैं।

जवाली के बुद्धिजीवी वर्ग ने आवाज उठाई है और दो टूक शब्दों में कहा है कि विधायक महोदय पुराने कामों का उद्घाटन करना, झूठी घोषणाएं करना व पट्टिका पर नाम लिखाने से इस बार काम नही चलेगा । क्योकि काठ की हंडी बार बार नही चढ़ती । इस वर्ग ने जयराम सरकार से ही गुहार लगाना उचित समझा कि इस मिनी सचिवालय व कोटला और नगरोटा सूरियां की उप तहसीलों में रिक्त पड़े पदों को जल्दी भरने की कृपा करें, ताकि लोगों को असुविधा न हो।