गरीबी से बदहाल रणजीत का परिवार, इलाज के लिए नहीं धनराशि

एसके शर्मा। हमीरपुर

उपमंडल बड़सर के ही झंझियाणी गांव वार्ड-5 के निवासी मनसा राम के पड़ोसी रणजीत सिंह का मकान गिरने के कगार पर है और धराशायी हो रहे भवन को बांस के सहारे संभाल रहे रणजीत के पेट का नहुत बड़ा ऑपरेशन हुए 2 वर्ष बीत गए। करीब 5 लाख का खर्चा आया है और मेडिकल बिल जिलाधीश हमीरपुर के माध्यम से सरकार को भेजे। पटवारी दरकोटी ने भी इसकी जांच करके तीन लाख का क्लेम देने की सिफ़ारिश जिलाधीश हमीरपुर के माध्यम से सरकार को भेजी, मगर आज तक उनके क्लेम जारी न हुए।

मकान की दुर्दशा ऐसी है कि कब भवन सोए परिवार को दफन कर दे, कोई नहीं कह सकता। उनकी माता को पेट पर बहुत बड़ी रसौली है और इलाज हेतु पैसे नहीं हैं। गिरते मकान को नए सिरे से बनवाने हेतु पंचायत ने एक लाख तीस हज़ार स्वीकृत करवाया है, मगर रणजीत सिंह के पास अपना कोई पैसा नहीं और आचार संहिता के कारण मकान का काम शुरू नहीं हुआ है।

रणजीत सिंह को यदि मेडिकल बिलों का भुगतान हो जाता तो कर्ज़ पर उठाए पैसे भर लेता और 2 कमरे का मकान भी बनवाने हेतु कुछ कर पाता, मगर इन परिवारों की दशा देखकर भी प्रशासन अब तक राहत नहीं दे सका है। सड़क न होने से रणजीत के परिवार को भी भारी दिक्कत होती है। रणजीत ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि 2 साल से लंबित मेडिकल बिल क्लेम शीघ्र जारी किया जाए।