क्षेत्र को भी नहीं मिला कैबिनेट मिनिस्टर होने का भी कोई भी लाभ

प्रवेश शर्मा। परागपुर

प्रदेश में जसवां परागपुर विस क्षेत्र जिला कांगड़ा के अन्य सभी विस क्षेत्रों से पिछड़ा हुआ क्षेत्र है। आलम यह है कि जब परागपुर पंजाब प्रांत का भाग था, उस समय यहां पर विकास की कोई कमी नही थी। बात चाहे अस्पताल, स्कूल, विकास खंड व शिक्षा खंड कार्यालय आदि की हो। परागपुर जिला कांगड़ा में प्रत्येक क्षेत्र में अव्वल स्थान था, परंतु मौजूदा समय में परागपुर के हालात किसी से छुपे नही है। हालांकि 22 वर्ष पहले परागपुर को हेरिटेज विलेज का दर्जा देकर लाखों रुपए केंद्र सरकार ने स्वीकृत किए थे, लेकिन मौजूदा समय में हेरिटेज विलेज परागपुर एक ऐसी अनसुलझी पहेली बनकर गया है। जिस पर मुख्यमंत्री तो दूर स्थानीय विधायक एंव उद्योग व परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर भी बोलने से टलते हैं।

यही कारण है, जो आजकल सोशल मीडिया पर हेरिटेज विलेज परागपुर बहुत धमाल मचाए हुए हैं। क्योंकि पर्यटन विभाग का प्रभार मुख्यमंत्री के पास होने से परागपुर के लोग मुख्यमंत्री पर भी कई तंज कस रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर वीरवार को जसवां परागपुर विस क्षेत्र की ग्राम पंचायत बगली में स्थित एक निजी होटल में भाजपा की संगठन की बैठक में भाग लेने आए थे, लेकिन जसवां-परागपुर के धरातल मुद्दों से उन्होंने बराबर दूरी बनाए रखी, जबकि वे जानते हैं कि जसवां-परागपुर विस क्षेत्र ही प्रदेश में एकमात्र ऐसा विस क्षेत्र है, जहां पर विभागों के मंडल कार्यालयों के मध्य पचास किलोमीटर के बीच फांसला है। वहीं, लोनिवि के मंडल कार्यालय को कोटला-बेहड़ के नाम पर खोला गया है।

जलशक्ति विभाग के मंडल कार्यालय को विधानसभा क्षेत्र के नाम पर खोल दिया गया है। यही कारण है, जो दोनों खुले मंडल कार्यालय का उद्घाटन करने से सरकार पीछे हट गई है। इस पर क्षेत्र के दिनेश, मुल्तान सिंह, संदीप सिंह, अरविंद कुमार, नीरज, अशोक, सुनील, राजेश, नितिन, पंकज, अरुण, दीपक, अमित व अजय ने कहा है कि मंत्रिमंडल में जसवां-परागपुर के विधायक को परिवहन मंत्रालय का प्रभार मिलने से जरुर मजबूती मिली है, लेकिन जसवां-परागपुर विस क्षेत्र को अभी तक कोई लाभ नहीं मिला है, यहां तक कि कैबिनेट मिनिस्टर होने के बावजूद जसवां-परागपुर विस क्षेत्र को उपमंडल का दर्जा नहीं मिल पाया है।यहां का विकास भाषणों तक ही सीमित रहा। उन्होंने कहा कि परागपुर के विकास की जमीनी हकीकत स्थानीय विधायक बिक्रम ठाकुर से भी नहीं छिपी है।