उज्जवल हिमाचल। शिमला
कोरोना के बाद ब्लैक फंगस बीमारी से लोग परेशान हैं। देश में जहां हजारों में मामले हैं वहीं प्रदेश में भी कई कोरोना के मरीज इसकी चपेट में है। नए मामले में आईजीएमसी शिमला से दाखिल ब्लैक फंगस के मरीजों की जान बचाने के लिए चिकित्सकों को अब तक तीन मरीजों की एक-एक आंख निकालनी पड़ी है। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसा नहीं करने से मरीजों की हालत और गंभीर हो सकती थी। इसके अलावा अस्पताल में इस बीमारी से पीडि़त एक मरीज की गंभीर हालत होने के चलते उसे वेंटिलेटर पर दाखिल किया गया है। यह मरीज लगातार चिकित्सकों की निगरानी में उपचाराधीन है। आईजीएमसी में मौजूदा समय में ब्लैक फंगस से पीडि़त 10 मरीज भर्ती हैं। इनमें हमीरपुर के रहने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। आईजीएमसी के ईएनटी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि नाक में दिक्कत, नाक बंद होना, दाग धब्बा और तालू में समस्या हो, तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। जरा सी लापरवाही करने से यह बीमारी जानलेवा बन सकती है। डॉक्टरो का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों को जंगल, गोशाला और अंधेरे वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। इसके अलावा हमेशा धुला और साफ मास्क पहन कर रखें। सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब इन मरीजों का शुगर बढ़ जाता है। ऐसे मरीज डॉक्टर के संपर्क में रहें और बिना जांच के कोई भी दवा नहीं लें।