सड़क की खस्ताहाल, नालियों का पानी सड़कों में हो रहा इकट्ठा

घर के लगे निजी हैंडपंपो में आ रहा बदबूदार पानी

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। इंदाैरा

इंदाैरा में लोक निर्माण विभाग का डिविजन खुलने से यहां विभाग और सरकार ने नुमाइंदे जग- जगह सड़क निर्माण करवाने के हवाले दे रहे हैं और कई सड़कों की दशा सुधारने को रोजाना कई शिलान्यास भी किए जा रहे हैं, पर मंड क्षेत्र के गांव ठाकुरद्वारा के साथ सड़क निर्माण को लेकर वर्षों से पक्षपात होता ही दिख रहा है। ठाकुरद्वारा टू मलकाना रोड जिसकी दूरी लगभग तीन किलोमीटर है। इस सड़क की दशा इतनी खराव हो चुकी है कि इस पर पैदल तो क्या बाहन लेकर भी गुजरना किसी खतरे से कम नहीं है।

राम मंदिर ठाकुरद्वारा से लेकर 33 केवी बिजली घर कांजुपीर बाबा तक सड़क के दोनों ओर घनी आवादी है और यहां सड़क के गंदे छप्पड़ की तरह दिखाई देती है, पर आज तक इस सड़क समस्या की और मौजूदा सरकार के नुमाईंदों ओर संबंधित विभाग ने भी कोई ध्यान नहीं दिया। इस सड़क समस्या के बारे में सरकार के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों और ग्राम पंचायत ठाकुरद्वारा के उपप्रधान एवं उपाध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी इंदाैरा राणा प्रताप सिंह ने बताया कि लगभग तीन वर्षों से गांव के मध्य से गुजरने वाली विभाग की इस सड़क की हालत अति दायनीय बनी हुई है। सड़क खराव होने से दोनों तरफ नालिया भी ध्वस्त हो चुकी है और घरों का सारा गंदा पानी सड़क में खड़ा रहता है और सड़क ने एक छप्पड़ का रूप धारण कर लिए है।

रोड के साथ वाले घरों में लगे निजी हैंड पंपों में नालियों की तरह का बदबूदार गंदा पानी निकल रहा है और लोगो को गंदा पानी पीना पड़ रहा है, जिससे कभी भी कोई गंभीर बीमारी फ़ैल सकती है। इस सड़क से रोजाना सैकड़ों क्रेशर से लदे हुए बाहन गुजरते हैं, जिससे मौजूदा सरकार को रोजाना कई तरह के टैक्सों के रूप में राजस्व प्राप्त होता है, पर विभाग और मौजूदा सरकार ने नुमांइदे विकास ने नाम पर ठाकुरद्वारा की जनता से भेदभाव करते ही नजर आ
रहे हैं।

लोगों ने जल शक्ति विभाग इंदाैरा से भी अपील की है कि उनके नलकों से आ रहे गंदे पानी की समस्या को देखते हुए हर घर मे जल्द ही विभाग द्वारा सरकारी नल लगाने की व्यावस्था की जाए, ताकि लोगों को गंदा पानी पीने से निजात मिल सके। ग्रामीणों ने मौजूदा सरकार और लोक निर्माण विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते उनके गांव की इस सड़क की दशा को सुधारा नहीं गया, तो समस्त ग्रामीणों की ओर से मौजूदा सरकार और विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।