कोड़ा गरना के लोगों के लिए सड़क आज भी एक सपना

अभिषेक सूद। हरिपुर
देहरा विधानसभा क्षेत्र की खैरियां पंचायत के कोड़ा गरना गांव में आज शुक्रवार को गांव का एक युवक सुनील कुमार पुत्र पुरषोत्तम चंद, जो कि अपने घर के समीप बगीचे में लगी हुई सब्जियों को तोड़ रहा था। इस दौरान एक बड़े पेड़ पर चढ़ी हुई सब्जियों की बेल से सब्जी तोड़ते वक्त ऊपर से नीचे जा गिरा, जिससे युवक घायल हो गया।

सुविधा न होने से पालकी में अस्पताल पहुंचाए जाते हैं मरीज

गांव में सडक सुविधा न होने के कारण उसको चारपाई पर लेटा कर 3 किलोमीटर दूर हरिपुर तक लाया गया और वहां से गाडी में हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में एक बात जो कि सामने आई है वो सड़क की समस्या को लेकर जुड़ी हुई है। कौड़ा गरना गांव के लिए पिछले कई वर्षों से सड़क सुविधा न होने के कारण कच्चे व पथरीले रास्ते के जरिए लोगों द्वारा मरीजों को चारपाई पर डालकर गांव से 3 किमी दूर पक्की सड़क हरिपुर तक लाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा पहली बार ही नहीं हुआ है, जब किसी मरीज को उपचार के लिए किसी चारपाई पालकी या फिर कंधे के ऊपर बैठा कर उपचार के लिए लेकर जाया गया है। गांव में ऐसा शुरू से ही होता है, लेकिन लोगों का दर्द समझना तो दूर यहां पर पंचायत प्रतिनिधि भी चुनने के बाद 5 साल तक यहां पर समस्या जानने तक नहीं आते। ऐसे में लोग अपना दर्द किसे सुनाएं। जब लोगों को भाग्य रेखा ही नसीब नहीं तो उनके लिए सरकार की योजनाओं का भी कोई फायदा नहीं। लिहाजा अब लोग किसी भी सरकार से किसी भी फायदे की उम्मीद नहीं रखते। लोगों का कहना है कि वह बहुत हताश और निराश हैं कि आज भी वह एक ऐसा जीवन जी रहे हैं, जिसकी कल्पना कर पाना भी लोगों के बस की बात नहीं।

घटना का शिकार हुए युवक के भाई का कहना है कि हमने इस समस्या को लेकर जहां तक संभव हो पाया है अपनी आवाज उठाई है। छोटे स्तर से लेकर बड़े से बड़े प्रशासनिक अधिकारियों तक इस सड़क समस्या को लेकर गए। हमने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तक भी अपनी आवाज पहुंचाई है, लेकिन हकीकत यही है कि आज भी सड़क के वैसे ही हाल हैं जैसे पहले थे। अब ऐसे में किस बात का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा। परंतु हर बार की तरह अब हम नेताओं के झांसे में नहीं आएंगे और आगामी पंचायत चुनावों में नोटा का इस्तेमाल करेंगे, क्योंकि पंचायत का चुनाव कर के भी उन्हें आजतक कुछ भी नहीं मिला है। जब इस बारे में खैरियां पंचायत की प्रधान सुमन कुमारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस सड़क मार्ग की एफआरसी की फाइल अभी तैयार हो रही है। कुछ दस्तावेज लगने शेष हैं। दस्तावेज पूरे होने के उपरांत फाइल को क्लीयरेंस के लिए विभाग के पास भेजा जाएगा। विधायक होशियार सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की कौड़ा गरना गांव की सड़क की एफआरसी की फाइल बन चुकी है। एफआरसी के लिए केस गया हुआ है। एफआरसी के लिए पेपर फॉर्मेलिटी पूरी हो रही है। उसके बाद जब क्लीयरेंस/एनओसी आ जाती है तो उसके बाद ही सड़क का कार्य होगा और जब भी सड़क खराब होती है तो समय-समय पर जेसीबी भेजते हैं, लेकिन संबंधित वन विभाग द्वारा कार्य नहीं होने दिया जाता। गांव के लोग शिकायत कर देते हैं। रही सड़क बनाने की बात तो गांव के लोग ही शिकायत कर देते हैं कि सड़क नहीं बनानी।एफआरसी क्लियर हो जाएगी सड़क का कार्य हो जाएगा।

जब राज कुमार डोगरा डीएफओ देहरा से इस सड़क के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस सड़क को लेकर उनके पास किसी भी प्रकार की फाइल अभी नहीं आई है।