कोरोनाकाल में सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं सफाई कर्मचारी

एस के शर्मा। हमीरपुर

रोजाना शहर की सफाई करने, कूड़ा उठाने और फिर उसे डंपिंग साइट अथवा कूड़ा प्रबंधन संयंत्र तक पहुंचाने वाले सफाई कर्मचारी अब कोरोनाकाल में लगभग सवा एक वर्ष से सेनिटाइजेशन और कोरोना संक्रमित मृतकों के अंतिम संस्कार जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में भी सराहनीय योगदान दे रहे हैं । सफाई से लेकर सेनिटाइजेशन और फिर कोरोना संक्रमित मृतकों के अंतिम संस्कार तक, ये सफाई कर्मचारी कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच लगातार फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में कार्य कर रहे हैं।

अगर नगर परिषद हमीरपुर की चर्चा की जाए तो इसके सभी 11 वार्डों की सफाई के साथ-साथ इन वार्डों के अंतर्गत आने वाले सभी सार्वजनिक स्थानों, संस्थानों, कार्यालयों, एटीएम और अन्य स्थानों की नियमित सेनिटाइजेशन का जिम्मा सफाई कर्मचारियों को दिया गया है। जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में स्थापित कोविड स्वास्थ्य केंद्र और मेडिकल कालेज अस्पताल हमीरपुर के कोविड वार्ड से रोजाना निकलने वाला कूड़ा भी यही सफाई कर्मचारी उठा रहे हैं। नगर परिषद क्षेत्र से बाहर एनआईटी परिसर और जिला पंचायत संसाधान केंद्र सलासी में स्थापित कोविड केयर सेंटरों की सफाई की जिम्मेदारी भी इन्हीं कर्मचारियों की है।

नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी किशोरी लाल ठाकुर ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने पर उसके सम्मानजनक और परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार में मदद के लिए भी सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है, जिसे वे बखूबी निभा रहे हैं। नगर परिषद हमीरपुर की तरह ही जिला के अन्य शहरी निकाय क्षेत्रों सुजानपुर, नादौन और भोटा में सफाई कर्मचारी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।

उधर, उपायुक्त देबश्वेता बनिक का कहना है कि कोरोना संकट के इस दौर में सरकार ने सफाई कर्मचारियों की महत्वपूर्ण सेवाओं को देखते हुए इन्हें भी फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में मान्यता प्रदान की है। जिला हमीरपुर में भी ये कर्मचारी बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हैं। फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में कार्य कर रहे इन कर्मचारियों की प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन सुनिश्चित की गई है। कार्य स्थलों पर संक्रमण से बचाव के लिए इन्हें ग्लब्स, सेनिटाइजर, पीपीई किट और अन्य आवश्यक सामग्री भी नियमित रूप से उपलब्ध करवाई जा रही है।