मानवता की सेवा करना जीवन का प्रथम व अंतिम उद्देश्य : कैप्टन संजय

पराशर द्वारा आयोजित 35 वें मेडीकल कैंप में पहुंचे 536 लाभार्थी

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त करने के अभियान पर निकले कैप्टन संजय का इस दिशा में सफर निरंतर जारी है। सोमवार को आयोजित 35 वें मेडीकल कैंप में लाभार्थियों का कुल आंकड़ा 536 रहा। इस दौरान टीम पराशर ने कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करवाते हुए शिविर में पहुंचे हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की जांच करवाई। कैंप में आंखों व कानों की जांच के अलावा शुगर, बीपी व ईसीजी के टेस्ट भी किए गए। अब अगले कैंप आठ मार्च काे दोदरा और 10 मार्च को तियामल पंचायतों में लगाए जाएंगे। अप्पर बलवाल के रूवास्थ्य शिविर में 316 मरीजों की आंखों की जांच की गई तो शिविर में 96 के कानों का चेकअप करवाया। 221 मरीजों को निशुल्क चश्मे वितरित किए गए। 271 मरीजों को आई ड्राप्स दिए गए। जबकि आंख चेक करने वाले चिकित्सा विशेषज्ञों ने 52 मरीजों को मोतियाबिंद का आपरेशन करवाने की सलाह दी।

इन मरीजों के मोतियाबिंद के निशुल्क अापरेशन कांगड़ा के निजी अस्पताल में होंगे। शिविर में 45 मरीजों को कानों की मशीनें फ्री में वितरित की गईं तो 74 मरीजों को कानों की दवाई भी दी गई। इसके साथ ही कैंप में पहुंची 139 महिलाओं निशुल्क सैनेटरी पैड भी वितरित किए गए। 139 मरीजों के शुगरए बीपी और इसीजी के टेस्ट भी किए गए। इसके अलावा शिविर में 32 परिवारों के मुफ्त में हिमकेयर कार्ड बनाने के लिए जरूरी औपचारिकता पूरी की गई। मेडीकल कैंप मेें लाभार्थियों को संबाेधित करते हुए संजय पराशर ने कहा कि मानवता की सेवा करना उनके जीवन का प्रथम व आखिरी उदे्श्य है। समुद्र में नौकरी व कारोबार के दौरान उन्होंने नाविकों के हित में दिन.रात काम किया। कोरोनाकाल में जब सब कुछ थम गया था तो उन्होंने घर की चारदीवारी में बंद होने की बजाय जनता की सेवा करने के लिए प्रयास किए।

अब भी समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और इसी स्वभाव व आदत के साथ भविष्य में भी काम करते रहेंगे। संजय ने कहा कि जसवां.परागपुर क्षेत्र में विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए ही उन्होंने मेडीकल कैंपों का आयोजन शुरू किया था। उन्हें इस बात की सुखद अनुभूति होती है कि अब तक लगाए गए मेडीकल कैंपों में लाभार्थियों का आंकड़ा अठाईस हजार को पार कर गया है और उनके संसाधनों से किसी बुजुर्ग की रोशनी बरकरार रह पाई है या किसी को पहले से बेहतर सुनने लगा है तो इसके लिए वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं और भगवान काे शुक्रिया अदा करते हैं। वहीं, मेडीकल कैंप में पहुंचे अप्पर बलवाल के देसराज, कमला देवी, अंजना कुमारी, सरस्वती देवी, जदामण की अनीता देवी, बठरा के विश्वजीत और रिंपल कुमारी और टिप्परी के दिलबाग सिंह ने बताया कि कैप्टन संजय के सौजन्य से उन्हें अपने ही घर-द्वार पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिली हैं, जिसके लिए वे पराशर का आभार व्यक्त करते हैं।