जनजातीय क्षेत्राें में कड़ाके की ठंड, जमने लगा रिफाइंड व सरसाें का तेल

उज्जवल हिमाचल। लाहुल-स्पीति

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में ताजा बर्फबारी के बाद जनजीवन घर से बाहर तक जम गया है। शाम होते ही लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं। घाटी में रात का तापमान शून्य से 9 डिग्री सेल्सियस नीचे चल रहा है। झीलों-झरनों के बाद अब रसोई में रखा सरसों तेल और रिफाइंड भी जमने लगा है। प्लास्टिक के बंद पैकेटों में जमे तेल को तंदूर के समीप पिघलाना पड़ रहा है। यही नहीं, सरकारी आवासों, होटलों सहित घरों में पानी के नल जम गए हैं। झीलों-झरनों के बाद अब रसोई में रखा सरसों तेल और रिफाइंड भी जमने लगा है।

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प्लास्टिक के बंद पैकेटों में जमे तेल को तंदूर के समीप पिघलाना पड़ रहा है। यही नहीं, सरकारी आवासों, होटलों सहित घरों में पानी के नल जम गए हैं। लोग जैसे-तैसे पीने के पानी का खुद के लिए इंतजाम कर रहे हैं लेकिन मवेशियों के लिए घरों से दूर जाकर पानी ढोना पड़ रहा है। कई संपर्क मार्ग भी अभी बहाल नहीं हो पाए हैं। ऐसे में लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। उल्लेखनीय है कि घाटी के चंद्रावैली, दारचा क्षेत्र सहित समूची मयाड़ घाटी में दिन के समय भी शीतलहर का प्रकोप जारी है।