शक्तिपीठ ज्वालामुखी में गुप्त नवरात्र का समापन

पंकज शर्मा। ज्वालामुखी

विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में विश्व कल्याण व विश्व शांति व वैश्विक महामारी के नाश के लिए नौ दिन से चल रहे माघ अष्टमी गुप्त नवरात्रों का विधिवत समापन हो गया। यज्ञ शाला में एसडीएम अंकुश शर्मा, मंदिर अधिकारी जगदीश शर्मा व 71 पुजारी वर्ग व विद्वानों ने वैदिक मंत्रों से हवन यज्ञ किया। मंदिर न्यास सदस्य पुजारी मधुसूदन शर्मा व प्रशांत शर्मा ने विधिवत मंत्रोउच्चारण से आहुतियां डलवाई। इसके बाद एसडीएम अंकुश शर्मा व मंदिर अधिकारी जगदीश शर्मा ने कन्या पूजन किया। पुजारी महासभा पुजारी अविनेदर ने बताया कि आज नवमी के दिन सिद्धिदात्री का पूजन किया जा रहा है और इन गुप्त नवरात्रो में गणपति का सवा लाख, गायत्री सवा लाख, बटुक भैरव सवा लाख, ज्वालामुखी मूल मंत्र सवा 5 लाख की संख्या में किया गया।

  • पुजारियों ने डाली यज्ञशाला में पूर्णाआहुति
  • विश्व कल्याण व विश्व शांति के लिए हुए लाखों की संख्या में जप, पाठ व अनुष्ठान
  • गुप्त सिद्धियों की प्राप्ति के लिए होता है जप पाठ यज्ञ : पुजारी सभा प्रधान अविनेदर शर्मा

इसके साथ दुर्गा सप्तशती के 100 पाठ भी किए गए
उन्होंने बताया कि मां के आशीर्वाद से विश्व में शांति व जनकल्याण की भावना लोगों में हो और वैश्विक महामारी कोरोना का नाश हो इसी उद्देश्य की कामना के लिए यह अनुष्ठान किया गया। इन नवरात्रों में पूजा अर्चना जप पाठ करने से गुप्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं। विश्व शांति व जनकल्याण के लिए पुजारी महासभा, मंदिर न्यास के सहयोग से इस आयोजन को सदियों से करती चली आ रही है।

एसडीएम अंकुश शर्मा ने नवरात्रो के समापन के लिए सभी का धन्यवाद किया और माता से प्रार्थना की विश्व का कल्याण हो पूरे विश्व मे वैश्विक महामारी का नाश हो और गुप्त नवरात्रों की देश और प्रदेश वासियों को शुभकामनांए दी और बताया कि गुप्त नवरात्रों में यात्रियों की संख्या बढ़ी है और कोविड एसओपी का पालन करते हुए मंदिर प्रसाशन द्वारा श्रद्धालुओं को सुविधाजनक दर्शन करवाए जा रहे हैं।

गुप्त नवरात्र महत्व व पूजन
पुजारी सभा प्रधान अविनेदर शर्मा ने बताया की गुप्त नवरात्रि बिशेषकर तांत्रिक क्रिया, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है, साधक कड़े नियमों के साथ व्रत व साधना करते हैं और दुर्लभ शक्तियां प्राप्त करते हैं। गुप्त नवरात्रि में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी व सिद्धिदात्री का विशेष पूजन भी किया जाता है।