शर्म निरपेक्ष भाजपा और कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों से पेंशन छीन कर किया छल

आप के प्रवक्ता ने पेंशन मुद्दे पर साधा निशाना

उज्जवल हिमाचल । कांगड़ा
आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश पहली मार्च से राज्य के कर्मचारियों द्वारा प्रस्तावित ओल्ड पेंशन योजना की बहाली हेतु किए जा रहे प्रदर्शन के समर्थन में खुलकर सामने आई है। आप प्रवक्ता कल्याण भंडारी ने कहा कर्मचारियों के पेंशन मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दृष्टिकोण बिल्कुल साफ है और उनकी सरकार ने बहुत पहले अपने राज्य के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा से पारित कर मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को प्रेषित कर दिया था, जिसकी स्वीकृति लंबित है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2003 में बाजपेयी सरकार ने नई राष्ट्रीय अंशदायी पेंशन योजना लागू कर देश के करोड़ों मुलाजिमों के हितों पर कुठाराघात कर घोर अन्याय किया है। हिमाचल प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राज्य में उक्त पेंशन योजना को लागू किया। भंडारी ने कहा कि दोनों पार्टियों की सरकारों की मिलीभगत से सांसदों व विधायकों की पेंशन बरकरार रख विभिन्न प्रकार के भत्तों में समय समय पर बेतहाशा वृद्धि कर कर्मचारियों के साथ छल कपट करने का काम किया है। ऐसा करने से इन दलों के राजनेताओं ने अपनी आत्मा की आबाज को अनसुना कर अपनी शर्म-निरपेक्षता का परिचय दिया है।
आप प्रवक्ता ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पुरानी पेंशन योजना को मौजूदा हालात में लागू नहीं किया जा सकता। ओल्ड पेंशन स्कीम भारत सरकार की परिभाषित योजना है जबकि एनपीएस अंशदायी योजना। ओपीएस के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को एक निश्चित राशि पेंशन के तौर पर मिलती है, जबकि नई पेंशन योजना को मार्किट के साथ जोड़ा गया है जिसका रिटर्न बाजार व्यवस्था व प्रदर्शन पर निर्भर करता है जिससे कोई वाजिब रिटर्न मिलने की कोई गारंटी नहीं है। मतलब अंतर्निहित और प्रत्यक्ष रूप में लाभ के बारे में कुछ भी तय नहीं होता। लिहाजा देश भर में एनपीएस के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं। भारत में पश्चिम बंगाल एकमात्र राज्य है जहां पर ओल्ड पेंशन योजना लागू है, जबकि दिल्ली सरकार अपनी विधानसभा में पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेज चुकी है। वहीं पर महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने इस दिशा में एक समिति का गठन कर पल्ला झाड़ लिया है, जबकि हिमाचल की जयराम सरकार चुनावी वादे को ही भूल चुकी है। आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और आने वाले विधानसभा चुनावों में पुरानी पेंशन बहाली को अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगी।