शांता कुमार ने की आर्थिक आधार पर आरक्षण की पैरवी

आंदोलन शुरू होने से पहले की समर्थन की घोषणा

उज्जवल हिमाचल। पालमपुर

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि सवर्ण आयोग के लिए इतना बड़ा ऐतिहासिक प्रदर्शन धर्मशाला में हुआ कि सरकार को उसी समय उनकी मांग स्वीकार करनी पड़ी। ऐसा हिमाचल प्रदेश में पहले कभी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि देश की करीब 80 फीसद जनता जाति आधारित आरक्षण से परेशान हैं। समय आ गया है जब जाति आधारित आरक्षण को पूरी तरह समाप्त करके केवल आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए। शांता कुमार ने कहा इतने लंबे समय से आरक्षण का लाभ उठाने के बाद भी आरक्षित जातियों के गरीबों को पूरा लाभ नहीं मिला।

ग्लोबल हंगर इंडैक्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के सबसे गरीब 130 देशों में नीचे 117 क्रमांक पर है। उसी रिपोर्ट में कहा है कि 19 करोड़ 40 लाख लोग लगभग भूखे पेट सोते हैं। इनमें एक अनुमान के अनुसार 12 करोड़ लोग आरक्षित जातियों के हैं। आरक्षित जातियों में आरक्षण का लाभ ऊपर के लोगों को हुआ। कई बार यह मांग हुई कि उन जातियों की क्रिमीलेयर अर्थात अमीरों को आरक्षण से वांछित किया जाए। लेकिन सभी पार्टियों के सभी आरक्षित जातियों के नेता उसी क्रिमीलेयर से आते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने भी कहा था परन्तु वह क्रिमीलेयर आज भी आरक्षण का लाभ उठा रही है।