लंबे अंतराल के बाद विधानसभा पहुंचे सिद्धू

उज्जवल हिमाचल। चंडीगढ़

पंजाब विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है। नवजोत सिंह सिद्धू लंबे समय के बाद विधानसभा में हाजिर हुए हैं। वह परगट सिंह के साथ एक ही गाड़ी में आए। वहीं, कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल ने सदन में राज्यपाल गो बैक के नारे लगाए। अकाली ने राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया और नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंच गए। अकाली विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण की कॉपियां फाड़ डाली और राज्यपाल के स्वागत के लिए बिछाया गया रेड कारपेट हटा दिया। अकाली दल के साथ आप विधायक भी वेल नारेबाजी कर रहे हैं। विपक्षी आम आदमी पार्टी के चार विधायक ही सदन में पहुंचे हैं। लोक इंसाफ पार्टी के दोनोंं विधायक बलविंदर सिंह बैंस और उनके भाई सिमरजीत बैंस वाकआउट कर चले गए हैं।

अभिभाषण में राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने कोरोना काल में पंजाब सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में प्रतिदिन 26500 टेस्ट किए जा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि 3 प्लाज़्मा बैंक भी बनाए, ताकि गंभीर मरीजों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान उन लोगों के बिजली कनेक्शन नहीं कटे, जिन्होंने बिल नहींं भरे। पांच लाख से ज्यादा मजदूरों को उनके घरों में भेजने का प्रबंध किया गया। राज्यपाल ने कहा कि महामारी को रोक लिया गया है, पर यह लापरवाही बरतने का समय नहीं है।

वहीं, इस बात की पूरी संभावना है कि अगर राज्यपाल ने सरकार द्वारा तैयार किए गए अभिभाषण में कृषि कानूनों के विरोध व किसान आंदोलन का वक्तव्य न पढ़ा, तो कांग्रेस के विधायक राज्यपाल का विरोध कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब सत्तारूढ़ पक्ष का विरोध राज्यपाल को झेलना पड़े, क्योंकि विरोध हमेशा विपक्ष ही करता आया है। अकाली दल के विधायक बिक्रम मजीठिया ने कहा कि हम सरकार का झूठ नहीं सुनेंगे। सरकार ने चार वर्ष में कोई वादा पूरा नहीं किया। न तो किसानों के कर्ज माफ हुए और न ही एससी विद्यार्थियों को स्कालरशिप मिली। बेरोजगारों को 2500 रुपए भत्ता नहीं मिला, तो सरकारी कर्मचारियों को तो भत्ते ही नहीं मिले। सरकार 7000 करोड़ रुपए के भत्ते दबा कर बैठी है।

बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस के विधायक सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर मेज थपथपाएंगे या राज्यपाल का घेराव करेंगे। अगर विधायक अभिभाषण केे बजाय राजभवन का घेराव करने के लिए जाएंगे तो अकाली दल भी उनके साथ घेराव करने के लिए जाएगा। मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत को लेकर राजभवन का घेराव करने जा रही है। असल में उन्हें वित्तमंत्री मनप्रीत बादल का घेराव करना चाहिए। क्योंकि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर वह केक काटते हैं। अगर जाखड़ को लोगों की इतनी ही चिंता है, तो उन्हें मनप्रीत के गले पर अंगूठा रख कर पंजाब में पेट्रोल और डीजल की कीमत कम करवानी चाहिए।

कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने स्पष्ट किया कि विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद राजभवन का घेराव किया जाएगा। इसमें सभी विधायक शामिल होंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि राज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी कीमत के खिलाफ राजभवन का घेराव करेगी। जहां तक अभिभाषण की बात है, अगर राज्यपाल पंजाब के हितों को अनदेखा करते हैैं, तो विधायक मेज क्यों थपथपाएंगे।