स्थिती जस की तस, कांग्रेसी मना रहे जिला की 14वीं वर्षगांठ का जश्न

15वें वर्ष में राजसी नेताओं द्वारा रिकार्डतोड़ विकास करने के किए जा रहे दावों को विपक्ष बता रहा खोखले

अखिलेश बंसल। बरनाला

बरनाला को पंजाब का पुन: जिला बने 14 वर्ष बीत चुके हैं, जिसको लेकर कांग्रेसी वर्षगांठ व जश्न मना रहे हैं। शहर में जगह-जगह वर्षगांठ के होर्डिंग लटका दिए गए हैं, नेतागण 15वें वर्ष में रिकार्डतोड़ विकास करने का दावा कर रहे हैं। हैरानी इस बात की है कि इतने वर्ष बीतने के बावजूद विकास के मद्देनजर जिला की स्थिती किसी उपमंडल से अधिक नहीं है। यहां के लघु सचिवालय में अभी तक सभी सरकारी विभाग नहीं लाए सके, जिसके चलते इस जिला के लोगों को कई विभागों में काम करवाने के लिए अभी भी संगरूर जाना पड़ रहा है, जिसको लेकर विपक्ष ने राज्य की मौजूदा सरकार के नेताओं को आड़े हाथ लिया है।

जिला ने बड़े-बड़े राजनेता पैदा किए, लेकिन नहीं बदली तस्वीर
बरनाला जिला की धरती ने विधायक से लेकर सांसद, राज सभा मैंबर, राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक का रुतबा दिलाया है, परंतु बरनाला जिला की तस्वीर बदलने में तकरीबन सभी की भूमिका जीरो रही है। इसके चलते बरनाला जिला से पिछड़ेपन का बदनुमा दाग नहीं हट सका। भले ही 14 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 19 नवंबर 2006 को तत्कालीन उपमंडल बरनाला को पुन: जिला का गौरव प्रदान किया था। बरनाला विकास पक्ष से आज भी पिछड़ा हुआ है।

जिला मानसा के आखिरी कस्बा तक का दायरा था जिला बरनाला
गौरतलब हो कि पंजाब का यह 20वां जिला बरनाला किसी वक्त प्रदेश की राजधानी रहा है और इस जिला का दायरा मौजूदा जिला मानसा के आखिरी कस्बा सिरदूलगढ़ तक रहा है। इसके बारे में कस्बा सिरदूलगढ़ की दीवारें आज भी चीख-चीख कर बयान कर रही हैं। अंग्रेजी भाषा में ही नहीं उर्दु भाषा में भी प्रमाण अंकित है, लेकिन बरनाला जिला धीरे-धीरे राजनीति का शिकार होता चला गया और इसका दायरा छोटे से कस्बे में सिमट कर रह गया।

जिली बन कर रह गया बरनाला जिला
बरनाला के विधायक एवं आम आदमी पार्टी के पहली कतार के युवा नेता गुरमीत सिंह मीत हेहर का कहना है कि जिला बनाने के लिए सभी विभाग एक छत के नीचे लाने होते हैं, जिला की गाईडलाईन के अनुसार वहां विकास करना होता है, शिक्षण संस्थान, सेहत सुविधाएं, जगह-जगह पार्किंग, पार्क समेत अनेक सुविधाओं का प्रसार करना होता है। जिला का पेट दावों के होर्डिंग लटकाने से नहीं भरता, बल्कि विकास करने से भरता है।

ऐसी सुविधाएं मुहैया करने में नाकाम रही कांग्रेसी नेताओं की बदौलत बरनाला जिला, जिली बन कर रह गया है। जिला परिषद के चेयरमैन का कार्याल्य तो बना दिया, जिसका ताले को जंगाल लग चुका है। आप की सरकार कायम होते ही बरनाला जिला की सभी कमियां दूर कर दी जाएंगी। जिला का असली आयना कैसा होना चाहिए कांग्रेस को दिखाया जाएगा।

कार्य शिअद ने किए, मुहर लगा फायदा उठा रहे कांग्रेसी
शिअद के युवा नेता कुलवंत सिंह कांता का कहना है कि शिअद द्वारा अपने साशनकाल में बरनाला में रिकार्ड तोड़ काम करवाए गए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का प्रोजेक्ट शिअद ने करवाया और कांग्रेसी उद्घाटन कर मुहर अपनी लगा गए। जिला में सरकारी पॉलीटैक्नीकल कालेज, पंजाबी युनिवर्सिटी कैंपस, गांवों में असंख्य विकाय कार्य किए, शहर में अंडर ब्रिज का प्रोजेक्ट, शिरोमणि अकाली दल लेकर आई, मुहर कांग्रेस ने लगा दी। गठबंधन के वक्त केंद्र सरकार से शिअद ने बरनाला जिला ही नहीं अनेकों प्रोजेक्ट पास करवाए, जिन पर मुहर कांग्रेस ने लगा दी। पुन: सरकार आते ही जिला का चौतरफा प्रसार व विकास किया जाएगा।