कौशल और तकनीक युवाओं की सोच को बदलने के लिए महत्वपूर्ण : राज्यपाल

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कौशल और कौशल उन्नयन पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में जन शिक्षण संस्थान स्थापित किए जाने चाहिए और युवाओं के कौशल उन्नयन के साथ-साथ गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके और हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम इस उद्देश्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। राज्यपाल आज यहां राजभवन में हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा राष्ट्रीय युवा कौशल दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कौशल और तकनीक युवाओं की सोच को बदलने के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों का ज्ञान होने से युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में स्थिरता प्रदान कर सकता है। पारम्परिक तरीके से काम करने से रोजगार के अवसर कम है और युवाओं की सोच में परिवर्तन लाकर उनके कौशल में वृद्धि होगी। हम श्रम आधारित प्रणाली को कौशल आधारित प्रणाली में बदल सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि भारत युवाओं का देश है, जहां 15 से 30 वर्ष की आयु वर्ग की आबादी में निरंतर वृद्धि हो रही है और वर्ष 2036 तक यह आबादी लगभग 65 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जबकि अन्य देशों में यह घट रही है। उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकीय लाभांश पूरी तरह से केवल तभी पूरा किया जा सकेगा जब भारत अपनी युवा आबादी को सार्वभौमिक गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होगा। उन्होंने उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर बल दिया और कहा कि कौशल के माध्यम से युवा अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं तभी वे दूसरों को भी रोजगार प्रदान कर सकेंगे।

श्री दत्तात्रेय ने सम्बन्धित विभागों को समन्वय स्थापित कर कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने को कहा। उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के माध्यम से कर्मियों को ग्रामीण स्तर पर रोजगार प्रदान किया जा सकता है। उन्होंने कौशल और रोजगार के बीच के अन्तर को कम करने पर बल दिया। उन्होंने प्रदेश में स्थापित आईटीआई की शिक्षा गुणवत्ता पर सन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि वे कौशल विकास में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने स्कूली स्तर पर कौशल शिक्षा की वकालत की और कहा कि यह शिक्षा 9वीं और बारहवीं श्रेणियों के लिए दो स्तरों पर दी जा सकती है और अन्य दो चरण जमीनी स्तर पर किए जाने चाहिए। उन्हांने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना दो के अन्तर्गत अब तक प्रदेश के 16000 युवाओं को 22 विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण के लिए पंजीकृत किया गया है और 9000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।

उद्योग तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के कौशल विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जिसके कारण बेहतर परिणाम सामने आ रहें हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में कोरोना महामारी के कारण बाहरी राज्यों से आए युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए स्किल रजिस्टर पोर्टल आंरभ किया है। अभी तक इस पोर्टल में 14 हजार युवाओं के अतिरिक्त 74 नियोक्ताओं ने पंजीकरण करवाया है।

उन्होंने कहा कि एशियन विकास बैंक द्वारा वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना के तहत 68 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सोलन जिला के कंडाघाट में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा रहा है। इस केंद्र के तहत युवाओं को आतिथ्य, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे पूर्व हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक ललित जैन ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए निगम द्वारा युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर राज्यपाल ने सिरमौर, सोलन, कांगड़ा और ऊना जिलों के कौशल विकास निगम के विद्यार्थियों के साथ बातचीत की तथा विद्यार्थियों ने भी राज्पाल से अपने अनुभव सांझा किए।

इस अवसर पर सुंदरनगर स्थित कौशल विकास केंद्र के प्रशिक्षु विद्यार्थियों ने पर्यटन, आतिथ्य और स्वास्थ्य पर अपने कौशल का प्रदर्शन भी किया। इस अवसर पर कौशल विकास गतिविधियों पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर तथा हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।