घोषणापत्र तक सीमित रहा लघु सचिवालय करसोग

पीयूष शर्मा। करसाेग

करसोग उपमंडल मुख्यालय में बनने वाले मिनी सचिवालय का निर्माण लंबा अरसा बीत जाने के बावजूद अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में स्थानीय लोग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। करसोग वासियों ने मिनी सचिवालय के निर्माण की कई बार मांग की गई, लेकिन यह मांग पूरी नहीं हो पाई। करसोग में लोक निर्माण, आईपीएच, सब जज कोर्ट, विद्युत, तहसील, पुलिस विभाग के कार्यालय अलग-अलग स्थानों पर हैं। एक छत के नीचे सरकारी कार्यालय न होने से लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

हालत यह है कि तहसील कार्यालय पिछले कई वर्षो से जिस भवन में चल रहा है, इस भवन के हालात भी असंताेष तथा जर्जर होने के कगार पर हैं। मिनी सचिवालय का निर्माण न होने से कई विभागों के कार्यालयों को अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है। बताते चलें कि उपमंडल करसोग में मिनी सचिवालय का शिलान्यास 2015 को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने तहसील परिसर करसोग के साथ लगते कृषि विभाग करसोग के नजदीक में किया था। इसके लिए बकायदा बजट का प्रावधान भी किया था, जो कि अभी सिर्फ कागजों मैं सिमटा हुआ है।

शिलान्यास होने से जनता के अधिकतर कार्य एक छत के नीचे निपटने की उम्मीद जगी थी, लेकिन बिडंवना यह है कि कुछ वर्ष का लंबा अरसा बीत जाने के बावजूद मिनी सचिवालय का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। भाजपा सरकार की सत्त्ता के दौरान मिनी सचिवालय के निर्माण में कोई प्रयास नहीं हो पाया। गौर रहे कि मिनी सचिवालय के निर्माण के लिए भूमि का भी प्रावधान किया गया था, लेकिन मिनी सचिवालय के लिए भूमि होने से बावजूद भी मामला लटक गया। करसोग बार एसोशिएशन व बरल के लोगों ने हाईकोर्ट शिमला में याचिका दायर की थी। मिनी सचिवालय का निर्माण बरल में ही होना चाहिए।

इसका फैसला माननीय उच्च न्यायालय शिमला द्वारा चयनित स्थान बरल के लिए आदेश हो चुके हैं, परंतु अभी तक इस बारे में कोई हल नहीं निकल पाया है। यानी राजनीतिक खिंचातान के चलते मिनी सचिवालय का अभी तक निर्माण नहीं हो पाया। इस खिंचातान के चलते अभी दूर-दूर तक मिनी सचिवालय का निर्माण होता नहीं दिख रहा है। मिनी सचिवालय के निर्माण के लिए क्षेत्र के लोगों को अभी तक और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। करसोग विस क्षेत्र के कॉन्ग्रेस प्रभारी जिला मंडी पवन ठाकुर ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मिनी सचिवालय का शिलान्यास किया था।

इसके लिए बजट का प्रावधान भी किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में सचिवालय का निर्माण कार्य शुरू हो गया था, परंतु आचार संहिता लगने के कारण यह पैसा विभागों में घूमता रहा। स्थानीय विधायक ने इसके निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। स्थानीय विधायक की जनता के प्रति जबावदेही है। बजट का प्रावधान करवाकर शिलान्यास के कुछ वर्षों बाद भी स्थानीय विधायक अगर मिनी सचिवालय का निर्माण नहीं करवा पाए, तो वो उनकी नाकामी को दर्शाता है।

इनका कहना है कि करसोग में केंद्रीय विद्यालय, पॉलिटेक्निक का कार्य ना होने के कारण जनता को गुमराह किया गया है। मिनी सचिवालय के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार से मांग की जाएगी तथा यूथ कांग्रेस और जन आंदोलन करेगी। प्रदेश भाजपा सरकार की ओर से मिनी सचिवालय के निर्माण के लिए कोई प्रयास अभी तक नहीं हुआ है।