नालागढ़ में स्मार्ट जैव विविध वन बनकर तैयार

सुरेंदर सिंह सोनी। नालागढ़

नालागढ़ में नवनिर्मित जैव विविध वन हिमाचल प्रदेश का सूचना प्रौद्योगिकी युक्त पहला स्मार्ट वन है। वन विभाग हिमाचल प्रदेश के वन मंडल नालागढ़ द्वारा 3 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्मित इस स्मार्ट वन में 300 से अधिक प्रजातियों के लगभग पंद्रह सौ पौधे लगाए गए हैं। पत्ते की आकृति में बनाए गए स्मार्ट वन के प्रवेश स्थल पर एक भव्य प्रवेश द्वार बनाया गया है। प्रवेश द्वार से अंदर जाने पर स्मार्ट वन के विषय में बनाई गई नालागढ़ बायोडायवर्स फॉरेस्ट (एनबीएफ) नामक ऐप का क्यूआर कोड बनाया गया है। इस क्यूआर कोड की सहायता से आने वाले व्यक्ति अपने एंड्राइड मोबाइल फोन पर स्मार्ट वन की इस ऐप को इस कयूआर कोड द्वारा अथवा सीधे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इस जैव विविध वन में लगाए गए प्रत्येक किस्म के पौधे के साथ पौधे से संबंधित विस्तृत जानकारी के विषय में क्यूआर कोड स्थापित किया गए हैं। जिसे स्कैन करने के पश्चात नालागढ़ बायोडायवर्स फॉरेस्ट एप की सहायता से उस पौधे के विषय में सभी प्रकार की जानकारी मोबाइल फोन पर सीधे देखी जा सकती है। स्मार्ट वन के अंदर विभिन्न हिस्सों में जाने के दौरान ऐप तथा जीपीएस की सहायता से आप अपने मोबाइल फोन पर ही इस जैव विविधता के विषय में कई प्रकार की जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

इस प्रकार स्मार्ट जैव विविध वन नालागढ़ न केवल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है बल्कि अध्ययनरत विद्यार्थियों तथा जैव विविधता के बारे में गहन रुचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए जैव विविधता के विषय में व्यवहारिक ज्ञान अर्जित करने का महत्वपूर्ण स्थल भी है। लगभग 60 लाख रुपए की लागत से वन विभाग हिमाचल प्रदेश के वन मंडल नालागढ़ द्वारा नवनिर्मित 3 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले जैव विविध वन नालागढ़ को 12 क्षेत्रों में विभाजित किया गया जिसमें सजावटी, धार्मिक व औषधीय सहित लगभग 300 किस्म के 1500 पौधे लगाए गए हैं। इसके अलावा इस वन में कई सौ की संख्या में वर्षों पुराने विभिन्न प्रजातियों के बड़े आकार के पेड़ पौधे भी मौजूद है। इस स्मार्ट वन में बच्चों की खेलकूद संबंधी गतिविधियों के लिए भी विशेष स्थल विकसित किए गए हैं इसके अलावा करीब 50 पक्षियों तथा 30 तितलियों से संबंधित विभिन्न प्रजातियां की जानकारी वन के विभिन्न हिस्सों के अंदर दर्शाई गई है जिन्हें वर्ष के विभिन्न मौसमों के दौरान अक्सर यहां देखा भी जा सकता है।

स्मार्ट वन में पर्यटकों के लिए सुंदर वाकिंग ट्रेक तथा बैठने के लिए बांस की लकड़ी से बनाए गए मनमोहक हट हैं जहां पर घूमने के साथ साथ पर्यटक आराम फरमाते हुए प्राकृतिक एवं शुद्ध वातावरण का लुत्फ उठा सकते हैं। इसके अलावा वर्षा जल संग्रहण की वैज्ञानिक विधि को भी बन के एक कोने में व्यवहारिक रूप में दिखाया गया है। स्मार्ट बन के अंदर एकत्रित किए गए वर्षा जल को एक बड़े गोल आकार के सुंदर तालाब में एकत्रित किया गया है। बायोडायवर्स फॉरेस्ट नालागढ़ के अंदर 300 मीटर लंबाई का एक विशेष जोगिंग ट्रैक बनाया गया है जिसमें आने वाले लोग टहलने के साथ-साथ जोगिंग का भी आनंद ले सकते हैं।

नालागढ़ की शान कहलाया जाने वाला स्मार्ट वन न केवल देश में प्रदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है बल्कि विद्यार्थियों, जैविक विविधता के क्षेत्र में अध्ययनरत शिक्षार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। स्मार्ट जैव विविध वन के प्रवेश द्वार पर पर्यटकों व आगंतुकों की सुविधा के लिए स्थानीय स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित स्थानीय कच्चे माल पर आधारित उत्पादों की बिक्री का भी प्रावधान किया गया है जहां पर आने वाले लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार स्थानीय वस्तुओं पर आधारित उत्पादों की खरीदारी कर सकते हैं।

स्मार्ट वन के एक अन्य किनारे पर सजावटी औषधीय सहित विभिन्न प्रजातियों के पौधों की एक नर्सरी भी बनाई गई है जिसका संचालन भी स्वयं सहायता समूहों के द्वारा ही किया जाएगा। इस प्रकार नालागढ़ में वन विभाग द्वारा बनाया गया जैव विविध वन भविष्य में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होने के साथ-साथ क्षेत्रवासियों के लिए एक प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार एवं स्वरोजगार का माध्यम भी बनेगा।