प्रदेश दवा होलसेलर संघ ने कांगड़ा में बैठक कर जताया रोष

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

प्रदेश फ़ार्मा डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन की बैठक कांगड़ा में प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कौशल और आर्गेनाईजिंग सचिव नवतीप थरेजा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में बड़ी फ़ार्मा कंपनियों की ओर से आनलाईन कंपनियों को जयादा मार्जिन और स्कीम पर दी जा रही दवाइयों को लेकर कड़ा रोष जताया गया। चर्चा रही कि ये कंपनियां आनलाईन कंपनियों के प्रलोभन में आकर होलसेलर के साथ दोहरी निती अपना रही है। आरोप लगाया कि आनलाईन पोरटल पर ये कंपनियां कम दामों पर दवाईयों की डायरेक्ट सप्लाई कर रही है, जबकि होलसेलर को उससे भी कम मार्जिन पर सप्लाई दी जा रही है।

वहीं, बिना पर्ची लिए आनलाईन कंपनियां ग्राहकों को नियम दरकिनार कर दवाईयां बेच रही हैं। कंपनियां होलसेलर को उसी रेट पर दवाईयां दें और आन लाईन सप्लाई प्रथा को बंद करें, ताकि हर दुकानदार ग्राहक को उचित दामों पर दवाईयां दे सके। जिससे उसका रोजगार भी चलता रहे और ग्राहक को बचत भी मिलती रहे। उन्हाेंने कहा कि होलसेलर और रिटेलर इन कंपनियों की दोहरी निती से परेशान हो रहे हैं। फ़ैसला लिया गया कि बड़ी फ़ार्मा कंपनियों ने अपना रवैया न बदला तो होलसेलर उनसे दवाइयां नहीं ख़रीदेंगे। और इसकी सीधी जिम्मेदारी उन कंपनियों की होगी, जो आनलाइन कंपनियों से मिलीभगत कर ग्राहकों से लेकर होलसेलर को दुविधा में डाल रहे हैं।

संघ के पदाधिकारी रवि रतना ने कहा कि कांगड़ा के बड़े निजी अस्पतालों में एक फार्मा कंपनी ने दवाईयां बचने के लिए होलसेलरों से लाखों रूपए का सामान खरीदा और अब उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है। एसोसिएशन ने फैसला लिया कि फार्मा कंपनी ने जल्द उनका भुगतान न किया, तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। बैठक में पुराने जीएसटी के भुगतान से लेकर तय समय में एकसपायर दवाईयों की वापसी के साथ-साथ कई अहम मसलों पर चर्चा की गई। इस मौक़े पर संघ के अनिल डोगरा, रवि रतना, राकेश रतना व राकेश कायस्था मुख्य रूप से
मौजूद रहे।