महामहिम राज्यपाल का रास्ता रोकना, संविधान का रास्ता रोकने जैसा : धूमल

पूर्व मुख्यमंत्री ने संबंधित विधायकों से इस निंदनीय घटना पर खेद प्रकट करने का किया आग्रह

सुशील शर्मा। हमीरपुर
आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जिस प्रकार की घटना हुई है वह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चर्चा का बढ़िया प्लेटफॉर्म है और यहां की लोकतांत्रिक प्रणाली चर्चाओं का अन्य प्रदेशों में उदाहरण प्रस्तुत होता है। हमीरपुर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो० प्रेम कुमार धूमल ने यह बात कही है। उन्हों के यह भी कहा कि महामहिम राज्यपाल महोदय का पद संविधानिक पद है और इस पद की अपनी एक प्रतिष्ठा और गरिमा होती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने महामहिम राज्यपाल महोदय का रास्ता रोकने को संविधान का रास्ता रोकना करार देते हुए कांग्रेस से सवाल किया कि क्या कांग्रेस का विश्वास उसी तरह संविधान से उठ गया है जैसे कि जनता का विश्वास कांग्रेस से उठ गया है। प्रो० धूमल ने कहा कि जिन सम्मानित विधायकों ने ऐसा काम किया है, मेरा विश्वास है कि इस घटना का वीडियो देखने के बाद उन्हें अपने व्यवहार पर पछतावा जरूर होगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा आग्रह है, यदि सभी विधायक उचित समझें तो राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पास करने से पहले इस निंदनीय घटना पर खेद व्यक्त करें ताकि सदभावना का माहौल बने। राज्यपाल महोदय के पद की गरिमा स्थापित हो और विधानसभा का गरिमामय माहौल फिर बने व लोकतांत्रिक माहौल में सब चर्चा हो।